रांची विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा : कोई काम आपके मनोबल से बड़ा नहीं
रांची : रांची विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने छात्रों से कहा कि उनके मनोबल से बड़ा कोई काम नहीं है. उन्होंने कहा कि गोल्ड मेडल से छात्र-छात्राओं की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि वे सच्ची निष्ठा और कर्तव्य के उच्च मापदंडों के साथ अपने […]
रांची : रांची विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने छात्रों से कहा कि उनके मनोबल से बड़ा कोई काम नहीं है. उन्होंने कहा कि गोल्ड मेडल से छात्र-छात्राओं की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि वे सच्ची निष्ठा और कर्तव्य के उच्च मापदंडों के साथ अपने प्रयास जारी रखें. कोई भी काम आपके मनोबल से बड़ा नहीं होता. अटल विश्वास के साथ काम करने की नीयत हो, तो हर काम आसान हो जाता है.
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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि किस प्रकार की परिस्थिति से निकलकर मैं इस पद पर पहुंचा हूं. मैं एक मजदूर परिवार से आता हूं. रांची विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट एलएलबी की डिग्री ली और फिर टाटा कंपनी में मजदूरी की. मजदूरी करते करते एमएलए बना और आज राज्य का मुख्य सेवक बना.’ उन्होंने कहा कि यह संदेश उन लोगों के लिए है, जो पढ़े-लिखे होने के बाद भी निराश होते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश होने से काम नहीं चलेगा. आप संघर्ष कीजिए और जीवन के प्रति संघर्ष कीजिए. जीवन मूल्यों के लिए संघर्ष कीजिए. उसका परिणाम निकलेगा. आज मैं आपको यही बताना चाहता हूं.
श्री दास ने कहा कि विश्वविद्यालय की शिक्षा पूरी करने के बाद छात्रों के समूह की बड़ी चिंता नौकरी और रोजी-रोटी ढूंढ़ने की होती है. उन्होंने कहा कि यहां रोजगार के अवसर की कमी नहीं है. एग्रिकल्चर के सेक्टर में, इंडस्ट्रीज में, आइटी सेक्टर में, पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के पर्याप्त अवसर हैं. सरकारी नौकरियां भी रोजगार हैं. इन अवसरों का लाभ लेने के लिए हमें शिक्षा के स्वरूप और गुणवत्ता दोनों में सुधार लाना होगा. ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न करनी होगी, ताकि शिक्षा पूर्ण होते ही नियोजक आपके विश्वविद्यालय तक आ जायें.
हर क्षेत्र में परचम लहरा रहे हैं भारत के युवा
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने की जरूरत है. इसका मतलब यह नहीं कि उसका पश्चिमीकरण किया जाये. राष्ट्र निर्माण में शिक्षा ही हम सर्वोच्च भूमिका निभाता है. अगर हमें ऐसी शिक्षा व्यवस्था चाहिए, तो हमें अच्छे शिक्षकों की जरूरत होगी. यह सरकार की प्राथमिकता में है. उन्होंने कहा कि युवा दुनिया को क्या नहीं दे सकता. भारत के युवा हर क्षेत्र में दुनिया के कोने-कोने में परचम लहरा रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि इसी को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने सीएम फेलोशिप योजना की शुरुआत की है. इसके साथ-साथ रांची यूनिवर्सिटी में जनजातीय भाषा में भी पढ़ाई शुरू हुई है. युवा के मन में एक मिशन होना चाहिए. अगर मिशन है, जिंदगी में कुछ करने की इच्छा है, तो रास्ते खुद मिल जाते हैं.
युवा शक्ति इस राज्य की सबसे बड़ी शक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार कहते हैं कि कुछ बनने का सपना मत देखो. अगर सपने देखने हैं, तो कुछ करने का सपना देखो. श्री दास ने कहा, ‘मैं आज इस अवसर पर समस्त छात्र-छात्राओं से, राज्यभर के हमारे युवाओं से कहना चाहता हूं कि वही राज्य की सबसे बड़ी शक्ति हैं. यह जो हमारे पास मानव संसाधन है, इस राज्य के ग्रोथ को बढ़ाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.’
ज्ञानी बनें, उत्कृष्ट बनें
मुख्यमंत्री ने छात्रों से अपील की कि वे जिस विषय की पढ़ाई कर रहे हैं, उसके विशेषज्ञ बनें. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी ज्ञानी बनें, उत्कृष्ट बनें. कहा कि आने वाला समय उसी समाज का, उसी देश का है, जिसके पास ज्ञान और विशेषताओं का भंडार होगा. इसलिए इस ज्ञान युग में जरूरी है कि हम अपना ज्ञानवर्द्धन करें.