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रांची : 206 प्लस टू स्कूलों से साइंस में एक भी परीक्षार्थी पास नहीं

राज्य के 510 सरकारी प्लस टू हाइस्कूल में होती है इंटर साइंस की पढ़ाई, बदहाली उजागर रांची : राज्य के प्लस टू उच्च विद्यालयों में इंटर साइंस में विद्यार्थियों की संख्या कम है. राज्य के 510 प्लस टू उच्च विद्यालय में इंटर स्तर पर साइंस की पढ़ाई होती है. वर्ष 2019 में इंटर साइंस की […]

राज्य के 510 सरकारी प्लस टू हाइस्कूल में होती है इंटर साइंस की पढ़ाई, बदहाली उजागर
रांची : राज्य के प्लस टू उच्च विद्यालयों में इंटर साइंस में विद्यार्थियों की संख्या कम है. राज्य के 510 प्लस टू उच्च विद्यालय में इंटर स्तर पर साइंस की पढ़ाई होती है. वर्ष 2019 में इंटर साइंस की परीक्षा में 304 विद्यालय से ही परीक्षार्थी पास कर सके.
शेष 206 विद्यालयों से या तो परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल नहीं हुए या फिर शामिल हुए तो पास नहीं हुए. जिन 304 विद्यालयों से परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे, उनमें से 103 विद्यालय ऐसे हैं, जहां पास करने वालों की संख्या 10 से कम है. 19 प्लस टू विद्यालय से सिर्फ एक-एक परीक्षार्थी परीक्षा में पास हुए. नौ विद्यालयों से दो-दो बच्चे पास हुए.
सरकार ने वर्ष 2016 में राज्य के 280 हाइस्कूल को प्लस टू विद्यालय में अपग्रेड किया था. विद्यालयों में पढ़ाई भी शुरू है. इस वर्ष इन विद्यालयों से परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल भी हुए थे. कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां इंटर साइंस में नामांकन लेनेवाले विद्यार्थियों की संख्या दहाई अंक तक भी नहीं पहुंच पाती है.
सरकार इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए प्लस टू विद्यालय खोल रही है, पर उस अनुपात में मैट्रिक में परीक्षार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही है. इस कारण प्लस टू विद्यालयों में सीटें रिक्त रह जाती हैं. 280 प्लस टू विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी पूरी कर ली गयी है. ऐसे में अब विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है.
इंटर साइंस में आधे परीक्षार्थी कर जाते हैं फेल
इंटर साइंस की परीक्षा में गत 10 वर्ष में पांच बार आधे से अधिक परीक्षार्थी परीक्षा में फेल हो गये. खराब रिजल्ट का असर नामांकन पर भी पड़ता है. राज्य में वर्ष 2011 व 2012 को छोड़ दिया जाये, तो कभी भी परीक्षार्थियों की संख्या एक लाख से अधिक नहीं हुई.
वर्षवार परीक्षार्थियों की संख्या व पास प्रतिशत
वर्ष परीक्षार्थी पास प्रतिशत
2010 85779 30.33
2011 104333 33.77
2012 108854 48.37
2013 81831 38.28
2014 82945 63.45
2015 79385 63.68
2016 87307 58.36
2017 90871 52.36
2018 92405 48.34
2019 94326 70.44
अंगीभूत कॉलेजों में बंद नहीं हुई पढ़ाई
यूजीसी ने अंगीभूत कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद करने का निर्देश दिया था. प्लस टू विद्यालय खाेले जाने के बाद अंगीभूत विद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से इंटर की पढ़ाई बंद करने की बात कही गयी थी, पर अंगीभूत कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद नहीं हुई. वर्ष 2016 में इंटर के रिजल्ट में सुधार को लेकर गठित कमेटी ने भी कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद करने की अनुशंसा की थी. पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
राज्य के इन स्कूलों से पास हुए सिर्फ एक परीक्षार्थी
किसान प्लस टू हाइस्कूल चान्हो, रांची
प्लस टू नदिया हिंदू हाइस्कूल
एसएस प्लस टू हाइस्कूल कोलेबिरा
महेसरा प्लस टू हाइस्कूल हजारीबाग
अपग्रेड प्लस टू हाइस्कूल अमटल बलियापुर, धनबाद
एसएस प्लस टू हाइस्कूल बसोडीह, कोडरमा
प्लस टू आरके हाइस्कूल हैदरनगर
अपग्रेड प्लस टू हाइस्कूल गुलाडीह
प्लस टू हाइस्कूल पथरटोल
अपग्रेड प्लस टू हाइस्कूल देवदनर
प्लस टू हाइस्कूल पोरैयाहाट
अपग्रेड प्लस टू हाइस्कूल सिमुलदाग
अपग्रेड प्लस टू हाइस्कूल हिरणपुर, पाकुड़
पाकुड़ राज प्लस टू पाकुड़
नरसिंहगढ़ प्लस टू हाइस्कूल
इंटर साइंस में सीटें
अंगीभूत कॉलेज 36,272
प्लस टू हाइस्कूल 65,280
इंटर कॉलेज 50,000
डिग्री संबद्ध कॉलेज 8,428

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