प्रणव
एक साथ सभी जेलों में यह सुविधा होगी शुरू
प्रज्ञा केंद्र पर परिजन को ऑनलाइन मुलाकात के लिए चुकाने होंगे 30 रुपये
रांची : झारखंड के जेलों में बंद कैदियों से मुलाकात करने के लिए परिजनों को धक्का खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. न ही जेल के आगे घंटों इंतजार करना पड़ेगा. परिजनों की सुविधा के लिए जेल मुख्यालय ऑनलाइन मुलाकाती सेवा शुरू करने जा रहा है. अक्तूबर में किसी दिन यह सेवा शुरू कर दी जायेगी. यह जानकारी जेल आइजी वीरेंद्र भूषण ने दी.
आइजी ने कहा कि रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग सहित करीब 15 जेलों में ऑनलाइन मुलाकाती सेवा का ट्रायल सफल रहा है. इस प्रक्रिया को बेहतर तरीके से अंजाम देने के लिए जेल के कर्मियों का प्रशिक्षण भी अंतिम चरण में है.
बंदी से मुलाकात के लिए परिजन को पहचान पत्र के साथ नजदीक के किसी प्रज्ञा केंद्र पर जाना पड़ेगा. वहां ई मुलाकात सॉफ्टवेयर के जरिये मुलाकाती अपना फोटो और डिटेल भरकर संबंधित जेल प्रशासन को भेजेगा. फिर जेल प्रशासन उस मुलाकाती का डिटेल व फोटो लेकर संबंधित बंदी को दिखाकर उससे पूछेगा कि आप उक्त मुलाकाती से मिलना चाहते हैं. उसकी हामी भरने के बाद जेल प्रशासन संबंधित मुलाकाती को ऑनलाइन मुलाकात का समय देगा. तय समय पर ऑनलाइन मुलाकात वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये करायी जायेगी.
सप्ताह में अधिकतम दो बार मुलाकात हो सकेगी
जेल मुख्यालय के अनुसार किसी बंदी से परिजन सप्ताह में अधिकतम दो बार मिल सकेंगे. ऑनलाइन मुलाकात करीब 15 मिनट की होगी.इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जो भी बातें होगी उस पर जेल प्रशासन की नजर रहेगी. नियम विरुद्ध बात करने पर जेल प्रशासन कार्रवाई करेगा. आॅनलाइन सेवा के एवज में प्रज्ञा केंद्र पर मुलाकाती को 30 रुपये देना होगा. मालूम हाे कि सुरक्षा कारणों से अभी तक जेल में बंद खूंखार व वीआइपी बंदियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेशी की जाती थी. लेकिन अब बंदियों को भी उनके परिजनों से मुलाकात कराने की ऑनलाइन प्रक्रिया अपनायी जायेगी.
मुलाकातियों को होती थी परेशानी
वर्तमान में बंदियों से मिलने के लिए परिजनों को काफी परेशानी होती है. खासकर उन परिजनों को जो खुद किसी और जिले में हैं और बंदी दूसरे जेल में बंद है.
तय समय पर नहीं पहुंचने पर उन्हें अगले मुलाकाती दिन का इंतजार करना पड़ता था. वहीं जेल के गेट पर घंटों लाइन में खड़े होना और जेल की बाकी प्रक्रिया से गुजरने में काफी समय लगता था सो अलग. लेकिन अब ऑनलाइन मुलाकात सिस्टम से इन सब चीजों से लोगों को नहीं गुजरना होगा. दूसरी ओर जेल प्रशासन को भी राहत होगी.