झारखंड के पर्यटन स्थलों पर खुलेंगे प्लास्टिक बैंक, प्रवेश शुल्क में मिलेगी छूट

रांची : झारखंड के पर्यटन स्थलों पर प्लास्टिक बैंक खोले जायेंगे, जहां घूमने आये लोग एक बार इस्तेमाल होनेवाले प्लास्टिक उत्पादों को जमा करा सकेंगे. इसके बदले उन्हें प्रवेश शुल्क में छूट सहित अन्य तरह का लाभ दिया जायेगा. दो अक्तूबर से देश में प्लास्टिक की थैलियों, कुछ खास प्रकार के शैसे, स्‍ट्रॉ, कप, प्‍लेट, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2019 7:35 AM
रांची : झारखंड के पर्यटन स्थलों पर प्लास्टिक बैंक खोले जायेंगे, जहां घूमने आये लोग एक बार इस्तेमाल होनेवाले प्लास्टिक उत्पादों को जमा करा सकेंगे. इसके बदले उन्हें प्रवेश शुल्क में छूट सहित अन्य तरह का लाभ दिया जायेगा.
दो अक्तूबर से देश में प्लास्टिक की थैलियों, कुछ खास प्रकार के शैसे, स्‍ट्रॉ, कप, प्‍लेट, छोटी बोतलें और कुछ प्रकार के उत्पादों पर प्रतिबंध लग गया है.
पर्यटन विभाग ने बोतल बंद पानी, चाय, ब्रेकफास्ट जैसी चीजों को बेचने के लिए सिंगल-यूज प्‍लास्टिक बोतल और प्लेट की जगह उचित विकल्‍प तलाशने को कहा है. इस प्रकार की प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पर्यटन निदेशक संजीव बेसरा ने पर्यटन स्थलों पर प्लास्टिक बैंक स्थापित करने की बात कही है.
लोगों को किया जायेगा जागरूक : पर्यटन विभाग अपने नोडल पदाधिकारियों को जारी एडवायजरी में कहा है कि प्लास्टिक के बने सामान को बाहर करने का रास्ता दिखाएं.
पहले चरण में लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम के नुकसान के बारे में जागरूक किया जायेगा. विभाग का मानना है कि लोग जागरूक होंगे, तो वे खुद प्लास्टिक का इस्तेमाल छोड़ देंगे. उसके बाद दूसरे चरण में इसके लिए ठोस विकल्प उपलब्ध कराया जायेगा.
बोतल के बदले मिलेंगे दाम : पर्यटन स्थलों पर जानेवाले पर्यटकों को अपने साथ दो बोतल परिसर के अंदर ले जाने की इजाजत होगी. इसके लिए 20 रुपये चार्ज वसूला जायेगा, उसे वापस लौटाने पर उन्हें 20 रुपये का भुगतान कर दिया जायेगा.
अगर कोई पर्यटक अंदर से कूड़े के तौर फेंका हुआ अतिरिक्त पानी का बोतल अपने साथ लेकर आता है, तो उसे भी प्रति बोतल दस रुपये की दर से देने की योजना है. विभाग की योजना प्लास्टिक बोतल क्रसर की ऐसी मशीन स्थापित करने की है, जिसमें प्लास्टिक की बोतल डालकर प्रति बोतल कुछ पैसे प्राप्त किये जा सकते हैं. इसके लिए बस लोगों को स्मार्ट कार्ड बनाना होगा और यह राशि कार्ड में जुड़ती चली जायेगी.
‘स्वच्छता ही सेवा अभियान’ के तहत एक बार इस्तेमाल वाली प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गयी है. रोक लगने के बाद बड़ी चुनौती अपने बर्ताव में बदलाव लाना और पर्यावरण अनुकूल जीनवशैली अपनाना है. लोग प्रकृति अनुकूल उत्पादों को अपने जीवन में शामिल कर अपने पर्यटन स्थलों को साफ-सुथरा रखने में हमारी मदद करेंगे.
संजीव बेसरा, पर्यटन निदेशक, झारखंड

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