स्थानीय उद्योगों की हो रही उपेक्षा : जेसिया
स्थानीय उद्योगों को कमजोर करने की साजिश : शरद पोद्दारवरीय संवाददाता, रांचीराज्य सरकार की ओर से प्रस्तावित प्रोक्योरमेंट पॉलिसी (क्रय नीति) में साजिश के तहत टर्न-की प्रोजेक्ट हटाने का आरोप झारखंड स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (जेसिया) ने लगाया है. कोकर इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित जेसिया भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में जेसिया अध्यक्ष शरद पोद्दार ने […]
स्थानीय उद्योगों को कमजोर करने की साजिश : शरद पोद्दारवरीय संवाददाता, रांचीराज्य सरकार की ओर से प्रस्तावित प्रोक्योरमेंट पॉलिसी (क्रय नीति) में साजिश के तहत टर्न-की प्रोजेक्ट हटाने का आरोप झारखंड स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (जेसिया) ने लगाया है. कोकर इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित जेसिया भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में जेसिया अध्यक्ष शरद पोद्दार ने कहा कि टर्न की प्रोजेक्ट को हटा देने से स्थानीय उद्योगों को क्रय नीति का कोई लाभ नहीं होगा. टर्न की प्रोजेक्ट्स को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट के ठीक पहले टर्न की प्रोजेक्ट्स को साजिश के तहत हटा दिया गया है. टर्न की रहने से क्या होगा लाभजेसिया के विनोद तुलस्यान ने कहा कि परचेज पॉलिसी में स्थानीय उद्योगों से सामग्री खरीदने की बाध्यता है. वर्ष 2007 की नीति में टर्न की को शामिल नहीं किया गया था. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी नयी परचेज पॉलिसी कमेटी ने अपनी अनुशंसा में टर्न की प्रोजेक्ट को शामिल किया ताकि टर्न की प्रोजेक्ट में बाहर से आने वाली कंपनियों के लिए भी स्थानीय उद्योगों से सामग्री खरीदने की बाध्यता हो. उन्होंने कहा कि पूर्व में टर्न की पर काम दिये जाने पर स्वीच से लेकर तमाम उपकरण दूसरे राज्यों से मंगाये जाते थे. जिससे स्थानीय उद्योगों को कोई लाभ नहीं होता था. उन्होंने कहा कि प्रावधान के बाद जब प्रस्ताव कैबिनेट भेजने के लिए मुख्य सचिव के पास भेजा गया तो वहां से टर्न की प्रोजेक्ट्स को हटा दिया गया. जेसिया के सदस्यों ने कई जगह इसकी शिकायत की पर कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. शरद पोद्दार ने कहा कि स्थानीय उद्योगों को प्राथमिकता देकर पुराने उद्योगों को सुदृढ़ करने से ही राज्य में युवाओं अवसर मिलेगा. इनके साथ चेंबर के पूर्व अध्यक्ष रंजीत टिबड़ेवाल, एनसी अग्रवाल व दीपक मारू भी उपस्थित थे.