एंबुलेंस की संख्या और तैनाती का पूरा ब्योरा दें
रांची : सड़क सुरक्षा से संबंधित सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने झारखंड सरकार से यहां संचालित एंबुलेंस (108) की कुल संख्या तथा इनकी तैनाती की जगह संबंधी पूरा ब्योरा मांगा है. इधर इस पत्र के मिलने के बाद परिवहन सचिव ने स्वास्थ्य सचिव से 10 अक्तूबर तक ब्योरा उपलब्ध कराने का आग्रह किया है. इससे […]
रांची : सड़क सुरक्षा से संबंधित सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने झारखंड सरकार से यहां संचालित एंबुलेंस (108) की कुल संख्या तथा इनकी तैनाती की जगह संबंधी पूरा ब्योरा मांगा है. इधर इस पत्र के मिलने के बाद परिवहन सचिव ने स्वास्थ्य सचिव से 10 अक्तूबर तक ब्योरा उपलब्ध कराने का आग्रह किया है. इससे पहले कमेटी को सूचना दी गयी थी कि अभी झारखंड में कुल 289 बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) तथा 10 एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस संचालित हैं.
इस संदर्भ में कमेटी ने राज्य सरकार से कहा है कि वह आकलन करे कि क्या यह पर्याप्त है. यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि सभी एंबुलेंस में प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी तैनात हों. वहीं, सरकारी एंबुलेंस के अलावा निजी या गैर सरकारी एंबुलेंस की संख्या भी मांगी गयी है.
राज्य सरकार को यह भी बताना है कि जितने सरकारी व गैर सरकारी एंबुलेंस किसी अस्पताल या सड़कों पर तैनात हैं, उनका लोकेशन (मैपिंग) क्या है.
अब तक 55 हजार से अधिक लोग मरे : राज्य के सड़क सुरक्षा कोषांग के अनुसार हर वर्ष 3100 से 3200 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में होती है. राज्य गठन के बाद से अब तक 55 हजार से अधिक लोग सड़क दुर्घटना में मारे गये हैं. इधर सड़क दुर्घटना में मौत की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. चार अक्तूबर को भी महिलौंग में स्कूटी सवार दो बच्चों की मौत ट्रक की चपेट में आकर हो गयी.
राज्य में कुल 317 एंबुलेंस का हो रहा है संचालन
केंद्र प्रायोजित योजना के तहत प्रति एक लाख की आबादी के लिए झारखंड को कुल 329 एंबुलेंस मिले हैं. इनमें से 289 बीएलएस व 40 एएलएस हैं. इनमें से 40 एएलएस व 287 बीएलएस यानी कुल 317 एंबुलेंस का संचालन शुरू हो गया है. दो बीएलएस ब्रेक डाउन हैं.