बड़कागांव थाना से फरार शूटर अमन साव 14 दिनों बाद भी गिरफ्त से दूर

डीएसपी की जांच में थाना प्रभारी दोषी पाये गये एसपी ने किया शोकॉज गिरफ्त में लेने के बाद अमन को 24 घंटे के अंदर कोर्ट में नहीं किया था पेश रांची : शूटर अमन साव 27-28 सितंबर की रात करीब दो बजे हजारीबाग के बड़कागांव थाना से हथकड़ी के साथ फरार हो गया था. 14 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2019 8:34 AM

डीएसपी की जांच में थाना प्रभारी दोषी पाये गये एसपी ने किया शोकॉज

गिरफ्त में लेने के बाद अमन को 24 घंटे के अंदर कोर्ट में नहीं किया था पेश

रांची : शूटर अमन साव 27-28 सितंबर की रात करीब दो बजे हजारीबाग के बड़कागांव थाना से हथकड़ी के साथ फरार हो गया था. 14 दिनों बाद भी पुलिस उसे गिरफ्त में नहीं ले सकी है. मामले में बड़कागांव के किसी पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. जबकि इस मामले में डीएसपी ने जांच रिपोर्ट एसपी को भेज दी है. इसमें थाना प्रभारी मुकेश कुमार को दोषी पाया गया है. एसपी ने थाना प्रभारी को शोकॉज किया है.

रामगढ़ जेल से निकलने के बाद 24 सितंबर को सादी वर्दी में पुलिस ने उसे उठा लिया था. झामुमो सह विस्थापित नेता गहन टुडू हत्याकांड में उससे 25 सितंबर तक उरीमारी थाने में पूछताछ की गयी थी.

वहीं से 27 सितंबर को बड़कागांव पुलिस उसे एनटीपीसी के अधिकारी को धमकी दिये जाने के मामले में पूछताछ के लिए अपने साथ ले गयी थी. वहां से वह 27-28 सितंबर की रात फरार हो गया. नियमत: उसे 24 घंटे में कोर्ट में पेश करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

बता दें कि अपराध की शुरुआत में अमन साव झारखंड संघर्ष जनमुक्ति मोर्चा के एरिया कमांडर रहे कलेश्वर गंझू के साथ किया था. इसके बाद वह श्रीवास्तव गिरोह के शूटर सूरज सिंह के संपर्क में आ गया. फिर वह श्रीवास्तव गिरोह के लिए काम करने लगा. सूरज की हत्या के बाद यह खुद से अपराध करने लगा. अमन साव पर पतरातू के बिरसा मार्केट आैर जनता नगर के समीप दो बार जानलेवा हमला हुआ था. लेकिन यह बच गया था.

वे सवाल, जिसके जवाब बाकी हैं

– बड़कागांव पुलिस अमन साव जैसे शूटर को हाजत में बंद नहीं कर थाना के पीछे बालकोनी वाले छोटे कमरे में रात को क्यों रखी?

– जिस कमरे में अमन को रखा गया था, उस कमरे की खिड़की को तोड़ कर वह आसानी से निकल गया. क्या खिड़की तोड़ने की आवाज किसी ने नहीं सुनी? वहां पर कोई सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं था?

– रात में थाने के गेट पर संतरी की तैनाती होती है, क्या उस दिन संतरी तैनात नहीं था? अगर था, तो अमन कैसे आसानी से फरार हो गया?

– एनटीपीसी के अफसर को वाट्सएप पर धमकी देने का मामला दो माह पहले बड़कागांव थाने में दर्ज हुआ था. उस वक्त अमन साव रामगढ़ जेल में था. पुलिस को इसकी जानकारी थी. फिर जेल में उसके रहने के दौरान बड़कागांव पुलिस ने उससे पूछताछ क्यों नहीं की.

अमन के खिलाफ दर्ज केस

– पतरातू थाना में दो मामले दर्ज. पहला वर्णपुर फैक्ट्री में फायरिंग व दूसरा वर्णपुर फैक्ट्री के अधिकारी सुमन पांडेय व राजीव गोराई की हत्या करने को लेकर शूटर भेजने का मामला.

– बड़काकाना थाना में कोयला ट्रांसपोर्टर नेपाल यादव को धमकी देने में प्राथमिकी.

– रामगढ़ के बलकुदरा में ट्रांसपोर्टिंग एजेंसी पर फायरिंग मामले में भुरकुंडा थाना में प्राथमिकी.

– हजारीबाग के उरीमारी थाना में झामुमो सह विस्थापित नेता गहन टुडू हत्याकांड में आरोपी.

– एनटीपीसी के अफसर को धमकी देने के मामले में बड़काकाना थाना में प्राथमिकी.

– खलारी में ट्रांसपोर्टर कमलजीत सिंह उर्फ रिंकू की हत्या में भी अमन साव का नाम आया था सामने.

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