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गलत नियुक्त अफसर को मिल रहा तीन लाख वेतन, जानें पूरा मामला

रांची : गलत तरीके से नियुक्त को-ऑपरेटिव बैंक के सीइओ को तीन लाख रुपये वेतन मिल रहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर सीइओ को नियुक्त करने के मामले में रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसाइटी ने बैंक के अध्यक्ष को पत्र लिखा है. बैंक के अध्यक्ष को लिखे गये पत्र में कहा […]

रांची : गलत तरीके से नियुक्त को-ऑपरेटिव बैंक के सीइओ को तीन लाख रुपये वेतन मिल रहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर सीइओ को नियुक्त करने के मामले में रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसाइटी ने बैंक के अध्यक्ष को पत्र लिखा है. बैंक के अध्यक्ष को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि सीइओ की नियुक्ति में नियमों का उल्लंघन करने की शिकायत मिली थी. इस शिकायत की जांच के लिए वेजफेड के महाप्रबंधक की अध्यक्षता में जांच दल का गठन किया गया था.

जांच दल ने को-ऑपरेटिव बैंक में सीइओ की नियुक्ति प्रक्रिया की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसमें यह कहा गया है कि को-ऑपरेटिव बैंक के सीइओ के पद पर किसी खास व्यक्ति को लाने के उद्देश्य से बार-बार नियमों और शर्त में बदलाव किया गया. सीइओ की नियुक्ति बिना विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया गया. नियुक्ति के लिए स्क्रीनिंग कमेटी और सेलेक्शन कमेटी का भी गठन नहीं किया गया.

बिना इंटरव्यू के ही नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक विजय कुमार चौधरी को को-ऑपरेटिव बैंक के सीइओ के पद पर नियुक्त कर लिया गया. यह रिजर्व बैंक द्वारा को-ऑपरेटिव बैंक में सीइओ की नियुक्ति के लिए निर्धारित प्रक्रिया का भी उल्लंघन है.

इसलिए जांच रिपोर्ट में वर्णित तथ्यों के आधार पर स्पष्टीकरण दें. रजिस्ट्रार ने स्पष्टीकरण देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया. हालांकि, ‌इस समय सीमा के समाप्त होने के बावजूद सीइओ की नियुक्ति में नियमों के उल्लंघन के सिलसिले में जवाब नहीं दिया गया.

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