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रांची : आगे आयें युवा, आदिवासी परंपरा और संस्कृति को सहेजें : मुख्यमंत्री रघुवर दास

मांडर/रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आदिवासी परंपरा और संस्कृति को हमें मिल कर सहेजना है. मुड़मा मेला को राज्य सरकार ने राजकीय मेला का दर्जा दिया है. इसकी अधिसूचना भी जारी हो चुकी है. हमें आदिवासी संस्कृति और परंपरा पर गर्व है. नयी पीढ़ी के युवा आगे बढ़ कर अपनी संस्कृति को […]

मांडर/रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आदिवासी परंपरा और संस्कृति को हमें मिल कर सहेजना है. मुड़मा मेला को राज्य सरकार ने राजकीय मेला का दर्जा दिया है. इसकी अधिसूचना भी जारी हो चुकी है. हमें आदिवासी संस्कृति और परंपरा पर गर्व है. नयी पीढ़ी के युवा आगे बढ़ कर अपनी संस्कृति को सहेज कर रखें. संस्कृति पर हमला नहीं होने दें. श्री दास ने ये बातें मंगलवार को दो दिवसीय मुड़मा जतरा मेला के समापन समारोह में कही.
उन्होंने कहा कि राज्य में गरीब व आदिवासी के नाम पर खूब राजनीति हुई है, लेकिन इनकी स्थिति में सुधार या बदलाव को लेकर किसी ने चिंता नहीं की.
इस मौके पर उन्होंने जतरा खूंटा की पूजा की और समापन समारोह में कुड़ुख लिपि की पुस्तक का विमोचन भी किया. मांडर विधायक गंगोत्री कुजूर ने मुख्यमंत्री से राज्य में अविलंब सरना कोड लागू करने की मांग की. कहा कि झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है. इसलिए इस पर शीघ्र विचार किया जाना चाहिए.
जतरा समिति की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुड़मा जतरा स्थल तक पहुंच पथ का निर्माण कार्य दो माह में शुरू हो जायेगा. धर्म गुरु बंधन तिग्गा ने विवाह मंडप का निर्माण पूरा कराने की मांग की. कार्यक्रम का संचालन बाबू पाठक व शिव उरांव तथा धन्यवाद ज्ञापन जतरा संचालन समिति के अध्यक्ष जगराम उरांव ने किया.

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