विधायक निधि पर चलते सत्र में होगा फैसला : मुख्यमंत्री
19 हजार 56 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पारितवरीय संवाददाता, रांची विधानसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की कि विधायक निधि पर चलते सत्र में फैसला हो जायेगा. सरकार इसका समाधान जल्द निकालना चाहती है. श्री सोरेन शनिवार को अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद बोल रहे थे. सरकार ने सदन के पहले दिन […]
19 हजार 56 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पारितवरीय संवाददाता, रांची विधानसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की कि विधायक निधि पर चलते सत्र में फैसला हो जायेगा. सरकार इसका समाधान जल्द निकालना चाहती है. श्री सोरेन शनिवार को अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद बोल रहे थे. सरकार ने सदन के पहले दिन 19 हजार 56 हजार करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया था. इस पर झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने कटौती प्रस्ताव लाया था. चर्चा के बाद यह ध्वनि मत से पारित हो गया. कटौती प्रस्ताव पर सरकार का पक्ष रखते हुए संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र सिंह ने कहा कि पिछली सरकार ने कई मामलों को लंबित रखा था. हेमंत सोरेन की सरकार ने इसे पूर कर लिया है. बिजली कंपनियों का बकाया सरकार नहीं देगी, तो बिजली ठप हो जायेगी. कंपनियों को करीब एक अरब रुपये देना है. उन्होंने कहा कि छुट्टी के दिन किसी कंपनी को खान विभाग ने कार्यालय खोल कर पत्र जारी नहीं किया. बालू का उठाव का काम पंचायतों को दिया गया है. पिछले 13 साल में मदरसा को एक भी पैसा नहीं मिला. हेमंत सोरेन की सरकार ने पैसा दिलाया है. बिजली बोर्ड के विखंडन का मामला पहले की सरकारों ने लंबित रखा था. सरकार ने इसे पूरा किया. इससे सरकार को 5710 करोड़ रुपये केंद्र से मिलेगा. बिजली बोर्ड के सभी एमडी की नियुक्ति निगरानी से जांच कराने के बाद की गयी है. लक्ष्मी लाडली योजना चालू है. दालभात योजना के लिए केंद्र से सब्सिडी वाला चावल नहीं मिल रहा है. कटौती प्रस्ताव के समर्थन में रघुवर दास, उमाशंकर अकेला, विनोद सिंह ने बात रखी. इसका विरोध मथुरा महतो, राजेश रंजन ने किया. सरकार नहीं हंसने-हंसाने का जिमखाना है : प्रदीप यादवकटौती प्रस्ताव लाने के बाद प्रदीप यादव ने कहा कि यह सरकार नहीं हैं, हंसने-हंसाने का जिमखाना है. सरकार ने जून माह तक मात्र साढ़े छह फीसदी खर्च किया है, तो अनुपूरक बजट क्यों लाना चाहिए? किसके आदेश पर खान सचिव ने छुट्टी के दिन कार्यालय खोल कर तीन कंपनियों को पीएल दिया. सरकार एक साल से एम्स के लिए जमीन नहीं खोज पा रही है. बालू घाटों की स्थिति भी पूर्व की तरह ही है. पुलिसवालों की कमाई का नयी जरिया बन गया है. राजद ने इसका विरोध किया था. राजद और झामुमो में समझौते के तहत 600 करोड़ रुपये के पोषाहार का टेंडर हुआ. इस कारण बालू विवाद जस का तस रह गया. शिक्षक बहाली की पूरी प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण है. मदरसों को जो अनुदान मिला है, उससे एक शिक्षकों को 41 रुपये प्रति दिन मिलेगा. यह न्यूनतम मजदूरी से भी कम है. श्री यादव ने बिजली फ्रेंचाइजी के पूरे मामले की जांच कराने की मांग की. दारोगा बहाली में गड़बड़ी के आरोपी पूर्व डीजीपी पर भी कार्रवाई नहीं होने का मामला उठाया. बीएड कॉलेज को मान्यता दिलाये सरकार कटौती प्रस्ताव का विरोध करते हुए मथुरा महतो ने कहा कि सरकार नये बीएड कॉलेजों को मान्यता नहीं दे रही है. इसे जल्द दिया जाना चाहिए. सरकार को कोशिश करनी चाहिए कि जनोपयोगी योजना का लाभ जनता को मिले. आपदा प्रबंधन विभाग को कम उम्रवालों की मृत्यु पर भी उनके परिजनों को मुआवजा देना चाहिए.