सौर ऊर्जा को बढ़ावा, तो बचेंगे ङ्म66.913 अरब रुपये
इस्मा का दावा-1.75 लाख प्रत्यक्ष या परोक्ष रोजगार सृजित होंगे-ङ्म2,554.44 अरब के उपकरण का अभी होता है आयातसेंट्रल डेस्कसौर ऊर्जा उपकरण बनानेवाली देशी कंपनियों को बढ़ावा देकर सरकार अगले 10 साल में 1.1 अरब डॉलर (करीब 66.913 अरब रुपये) से अधिक की बचत कर सकती है. इस दौरान देश में ऊर्जा आपूर्ति की व्यवस्था तो […]
इस्मा का दावा-1.75 लाख प्रत्यक्ष या परोक्ष रोजगार सृजित होंगे-ङ्म2,554.44 अरब के उपकरण का अभी होता है आयातसेंट्रल डेस्कसौर ऊर्जा उपकरण बनानेवाली देशी कंपनियों को बढ़ावा देकर सरकार अगले 10 साल में 1.1 अरब डॉलर (करीब 66.913 अरब रुपये) से अधिक की बचत कर सकती है. इस दौरान देश में ऊर्जा आपूर्ति की व्यवस्था तो सुधरेगी ही, बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेंगे. छोटे-मोटे उद्योग स्थापित होंगे. विदेशी मुद्रा की बचत होगी, सो अलग. इंडियन सोलर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (इस्मा) और केपीएमजी ने एक श्वेत पत्र में यह दावा किया है.रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, शुरुआती दौर में सौर ऊर्जा का उत्पादन महंगा होगा, लेकिन धीरे-धीरे इसकी लागत घटेगी. एक अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2030 तक देश में 1,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित होंगे. यदि घरेलू निर्माण इकाइयों को अभी से बढ़ावा दिया जाये, तो विदेशों से उपकरणों के आयात पर खर्च होनेवाले 42 अरब डॉलर (करीब 2,554.44 अरब रुपये) बचेंगे. अगले पांच वर्ष में प्रत्यक्ष रूप से 50,000 लोगों को और अप्रत्यक्ष रूप से 1.25 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. बिजली उत्पादन की समस्या से भी मुक्ति मिल जायेगी.श्वेत पत्र में कहा गया है कि भारत में सौर ऊर्जा से जुड़ी निर्माण इकाइयां संकट से जूझ रही हैं. इस्मा के अध्यक्ष अश्वनी सहगल कहते हैं कि इस उद्योग से जुड़ी भारत की 40 फीसदी इकाइयां बंद हो चुकी हैं. इसकी वजह चीन, अमेरिका और जापान जैसे देश हैं, जो सस्ते उपकरण भारत में बेचते हैं. दूसरी तरफ, भारत सरकार स्वदेशी कंपनियों को कोई सुविधा नहीं देती. सरकार कम ब्याज पर कर्ज, क्रेडिट गारंटी, पूंजी पर सब्सिडी, टैक्स में छूट और सरकारी खरीद में प्राथमिकता जैसी कुछ सुविधा दे, तो इस उद्योग से देश को बड़ा फायदा होगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री के साथ जो भेदभाव किया था, वैसा ही सौर ऊर्जा से जुड़े उद्योगों के साथ भी कर रही है. इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ सकता है.बढ़ा व्यापार घाटा30 अरब डॉलर के विद्युत उपकरण आयात करती है सरकार. यह व्यापार घाटा का 23 फीसदी है. यदि सरकार ने घरेलू विद्युत उपकरणों को बढ़ावा दिया होता, तो यह नौबत नहीं आती.क्या होंगे फायदेत्रबड़ी संख्या में सहायक उद्योग स्थापित होंगेत्रज्ञान और आधारभूत संरचना का क्लस्टर विकसित होगात्रअनुसंधान संस्थान से उद्योग जुड़ेंगे, तो नवोन्मेष (इनोवेशन) को बढ़ावा मिलेगात्रघरेलू बाजार बड़ा होगा, तो उद्योग का दायरा बढ़ेगात्रक्षमता बढ़ने से कंपनियां वैश्विक बाजारों से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगीत्रनवोन्मेष और निर्यात के लिए शुरू से ही रणनीति बनानी होगीत्रजैसे-जैसे समय बीतेगा, कुशल कामगार मिलने लगेंगेत्रकम लागत और बेहतर उत्पाद के दम पर अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी