रांची : विधानसभा चुनाव में पक्ष-विपक्ष दोनों में गठबंधन का प्लॉट तैयार हो रहा है़ एनडीए में भाजपा और आजसू साथ होंगे, वहीं यूपीए का कुनबा थोड़ा बड़ा होगा़ यूपीए खेमे में कांग्रेस, झामुमो, झाविमो, राजद व वामदलों के बीच गठबंधन की संभावना है़ यूपीए में गठबंधन की तसवीर अभी पूरी तरह से साफ नहीं है़ वहीं यूपीए-एनडीए दोनों ही खेमे में सीटों के बंटवारे की कहानी उलझी हुई है़. दोनों ही खेमे कई सीटों पर पेंच फंसेगा़ राजनीतिक उठापटक और दावं चले जायेंगे़ पार्टियों ने अपने दावेदारों को आगे किया है़ अपने-अपने चुनावी सूरमाओं को लेकर पार्टी अड़ेगी. एनडीए में भाजपा और आजसू के बीच भी कई सीटों पर जिच तय है, वहीं यूपीए में 10 ऐसी सीटें हैं, जहां तकरार तय है़ दोनों ही खेमे के ऐसे एक-एक सीटों के विवाद है.
चंदनक्यारी : भाजपा के लिए मंत्री का सवाल, तो उधर आजसू की जमीन
एनडीए गठबंधन में बोकारो जिले की चंदनक्यारी की सीट हॉट सीट है़ इस सीट पर पिछले चुनाव में झाविमो से चुनाव लड़नेवाले अमर बाउरी ने खूंटा गाड़ा था़ अमर बाउरी भाजपा में शामिल हो गये और मंत्री बन गये़ पिछले पांच वर्षोें में भाजपा में पूरी तरह रच-बस गये है़ं अब इस सीट पर भाजपा के लिए एक मंत्री का सवाल है. भाजपा इस सीट से शायद ही पीछे हटे़ उधर यह विधानसभा आजसू की जमीन रही है़ पूर्व मंत्री उमाकांत रजक आजसू के दावेदार है़ं आजसू उमाकांत के लिए इस सीट पर अड़ सकती है़ इस सीट पर दोनों ही दलों के बीच शह-मात का खेल चलेगा़ पिछले चुनाव में उमाकांत दूसरे नंबर पर रहे थे़ भाजपा बैकफुट पर नहीं आती है, तो फिर उमाकांत दूसरा राजनीतिक ठौर तलाश सकते है़ं
हटिया : नवीन का रास्ता रोकने में दम लगायेगी आजसू
एनडीए : हटिया विधानसभा सीट को लेकर भी एनडीए में तनातनी हो सकती है़ आजसू से झाविमो गये नवीन जायसवाल ने पिछले विधानसभा चुनाव में हटिया में जीत का परचम लहराया था़ हटिया की राजनीति अब करवट बदल चुकी है़ नवीन भाजपा के साथ चले गये है़ं भाजपा के संगठन में मंत्री है़ं पिछले पांच वर्षों से हटिया में बतौर भाजपा नेता सक्रिय है़ं वह सबसे पहले आजसू के टिकट पर हटिया से चुनाव जीते थे़. पिछले विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन में यह सीट भाजपा के खाते चली गयी, तो नवीन ने पाला बदल लिया था़ नवीन जायसवाल के साथ आजसू अपना पुराना हिसाब बराबर करने के लिए दम लगायेगी़ नवीन की उम्मीदवारी को लेकर रोड़ा अटकायेगी. इधर पिछली बार के चुनाव में हटिया से उम्मीदवार रही सीमा शर्मा भी भाजपा से टिकट के लिए जोर लगायेंगी.
घाटशिला : कांग्रेस-झामुमो में हो सकता तकरार कांग्रेस करेगी दावा
घाटशिला सीट पर यूपीए गठबंधन में तकरार संभव है़ फिलहाल इस सीट पर भाजपा का कब्जा है़ लक्ष्मण टुडू भाजपा के विधायक है़ं यह सीट परंपरागत रूप से कांग्रेस की रही है़ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचु इस सीट पर दो बार चुनाव जीत चुके है़ं पिछले दो चुनाव से झामुमो ने इस सीट पर अपना दबदबा बनाया है़ झामुमो के रामदास सोरेन कांग्रेस को शिकस्त दे कर विधायक भी बन चुके है़. पिछले चुनाव में भी रामदास सोरेन झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़े और दूसरे स्थान पर रहे़ इस सीट पर अब झामुमो दावा ठोकेगी, वहीं कांग्रेस के लिए यह सीट साख का सवाल बन गयी है़ प्रदीप बलमुचु को कांग्रेस ने आगे किया, तो मामला फंस सकता है़ इस सीट पर यूपीए गठबंधन को रास्ता निकालना होगा.
डालटनगंज : झाविमो की जमीन, कांग्रेस के लिए केएन त्रिपाठी का सवाल
डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र में झाविमो आैर कांग्रेस के बीच बात बिगड़ सकती है़ पिछले चुनाव में झाविमो ने यह सीट निकाला था़ आलोक चौरसिया झाविमो से जीते थे और भाजपा चले गये़ वहीं इस सीट पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी को एडजस्ट करना है़ केएन त्रिपाठी का सवाल कांग्रेस के लिए अहम होगा. झाविमो ने यहां से चुनावी बिसात बिछा भी दी है़ झाविमो ने इस सीट पर पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी के पुत्र दिलीप नामधारी को आगे कर एक दावेदार खड़ा कर लिया है़ कांग्रेस से इस सीट को झटकने के लिए झाविमो पूरा दम लगायेगा़ यूपीए गठबंधन में झाविमो शामिल हुआ, तो इस सीट को सुलझाना यूपीए नेताओं के लिए बड़ा टास्क होगा.