हरियाणा -महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम का झारखंड पर क्या होगा असर?

रांची : झारखंड में नवंबर-दिसबंर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं, यही कारण है कि हरियाणा-महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम पर यहां के राजनीतिक दलों की नजर है. हरियाणा-महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आ रहे हैं और संभवत: आज रात तक पूरे परिणाम घोषित हो जायें. रुझानों के अनुसार महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना की सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2019 2:21 PM

रांची : झारखंड में नवंबर-दिसबंर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं, यही कारण है कि हरियाणा-महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम पर यहां के राजनीतिक दलों की नजर है. हरियाणा-महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आ रहे हैं और संभवत: आज रात तक पूरे परिणाम घोषित हो जायें. रुझानों के अनुसार महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना की सरकार बनती दिख रही है. हालांकि हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा के आसार बन रहे हैं, ऐसे में सरकार किसकी बनेगी यह आने वाला वक्त तय करेगा, लेकिन इस परिणाम से कांग्रेस उत्साह में है, क्योंकि प्रदेश में वोट भाजपा के खिलाफ पड़े हैं. वहीं महाराष्ट्र में भी कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन अच्छा प्रदर्शन कर रही है. इन हालातों में यह सवाल लाजिमी है कि क्या महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम का झारखंड पर असर होगा? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के प्रवक्ताओं से बात की.

कांग्रेस से सवाल : हरियाणा में कांग्रेस के प्रदर्शन में हुए सुधार का पार्टी पर क्या प्रभाव पड़ेगा? झारखंड में कांग्रेस के तीन दिग्गज नेता सुखदेव भगत , मनोज यादव और अरुण उरांव भाजपा में शामिल हो गये. कांग्रेस में गुटबाजी की खबर आती रहती है, पार्टी कैसे एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी और हरियाणा में मिली जीत क्या कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास भरने का काम करेगी?

क्या कहती है कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, निश्चित रूप से हरियाणा में पार्टी का प्रदर्शन शानदार रहा है और इसका असर कार्यकर्ताओं पर होगा. भारतीय जनता पार्टी किसी नारे को लेकर लोगों का मिजाज नहीं बदल पायेगी. यह संकेत है कि आप जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटका सकते. अनुच्छेद 370 का जिक्र हर जगह, हर रैली में होता है, वहां के असल मुद्दे गायब रहते हैं. रघुवर सरकार को यह समझना चाहिए कि उपचुनाव में भाजपा की क्या हालत रही है गोमिया, सिल्ली, कोलेबिरा जैसे उदाहरण सामने हैं. जहां तक बात एकजुटता की है, तो मैं यह कहना चाहता हूं कि जब चुनाव की बात आती है तो हम सभी कांग्रेस कार्यकर्ता एकजुट रहते हैं.

भाजपा से सवाल :हरियाणा में अभी भाजपा की जो स्थिति है, उसपर कांग्रेस का यह कहना है कि आपलोगों ने स्थानीय मुद्दों की अनदेखी की और अनुच्छेद 370 और कश्मीर की बात की. स्थानीय मुद्दों पर चुप्पी रखना ही आपके पिछड़ने का कारण है. कांग्रेस का यह भी कहना है कि हरियाणा में आये परिणाम का असर झारखंड पर होगा क्योंकि उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार जनता के मिजाज का संकेत दे रही है. यहां भी आप स्थानीय मुद्दों पर बात नहीं कर रहे.


भाजपा की प्रतिक्रिया

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा, देखिए हरियाणा में हमें कम सीटें मिली है, हमें यह मानने में कोई परेशानी नहीं है. जहां तक बात मुद्दों की है, तो हम हमेशा नेशन फर्स्ट की बात करते हैं. हार और जीत के लिए या समय के साथ हम रणनीति नहीं बदलते. चुनाव परिणाम पर आत्ममंथन होगा. जहां तक बात है कि हरियाणा के चुनाव परिणाम का असर झारखंड में कितना होगा तो साफ है कि दोनों राज्यों की स्थिति अलग – अलग है. कांग्रेस उपचुनाव में मिली जीत को लेकर उत्साहित है तो हम याद करा दें कि 7 उपचुनाव हुए हैं, उसमें भाजपा की एक मात्र सीट थी गोड्डा की, हमने वहां जीत हासिल की. लिट्टीपाड़ा में हम पचास हजार के आकड़े तक पहुंचे थे. हरियाणा पर केंद्रीय नेतृत्व आत्ममंथन करेगा. आप समझिए कि पांच विधायक कल हमारी पार्टी में आये हैं हवा का रुख किस तरफ है..

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