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धनतेरस पर भारी पड़ रहा है घनतेरस, खेती के लिए फायदेमंद है यह बारिश

रांची : बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव और समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर झारखंड पर दिख रहा है. मौसम विभाग ने दो दिन पहले ही झारखंड के सभी भागों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी दी थी. हुआ भी वैसा ही, बुधवार रात से ही राजधानी […]

रांची : बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव और समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर झारखंड पर दिख रहा है. मौसम विभाग ने दो दिन पहले ही झारखंड के सभी भागों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी दी थी. हुआ भी वैसा ही, बुधवार रात से ही राजधानी रांची समेत राज्य के कई जिलों में बारिश शुरू हो गयी थी.
पिछले 24 घंटे में लगभग 35 मिमी वर्षा हुई है. इससे तापमान में भी गिरावट दर्ज की गयी है. बुधवार रात से ही शुरू हुई बारिश गुरुवार को भी जारी रही. कहीं मूसलधार, तो कहीं बूंदा बांदी ने लोगों की दिनचर्या बिगाड़ दी है. जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. धनतेरस की खरीदारी और दीवाली की तैयारियां भी प्रभावित हुई हैं. मौसम विभाग ने 25 अक्तूबर को भी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है, यानी धनतेरस के दिन भी बारिश होगी. रांची के चुटिया थाना क्षेत्र के काली मंदिर के पास पेड़ गिर गया.
मौसम की मार से फीका हुआ धनतेरस का बाजार
धनतेरस और दीवाली के लिए राजधानी की छोटी-बड़ी दुकानें सज कर तैयार हैं, लेकिन बुधवार रात से ही हो रही है बारिश की वजह से इन दुकानों पर सन्नाटा है.
कहां कितनी बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिणी झारखंड में एक-दो जगहों पर भारी बारिश हुई. इस कारण तापमान गिरा. रांची का न्यूनतम तापमान 18.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. विभाग के मुताबिक राज्य में सबसे अधिक सात सेमी बारिश जमशेदपुर और घाटशिला में हुई है. वहीं, चाईबासा में 69 मिमी बारिश दर्ज की गयी है.
चक्रधरपुर, कोलेबिरा और चांडिल में छह-छह सेमी, तोरपा और रायडीह में पांच-पांच सेमी, सिमडेगा, कुरडेग, नीमडीह, धनबाद और बोकारो (चास) में चार-चार सेमी बारिश हुई. रांची, पालकोट, रांची, पापुंकी में तीन-तीन सेमी वर्षा हुई है. रामगढ़, दुमका, पंचेत, गोबिंदपुर में दो-दाे सेमी और हेंदेगिर, ओरमांझी, रामगढ़, पाकुड़िया, कुड़ू, मोहारो, मसानजोर, मैथन, पुटकी, टुंडी, तोपचांची, तेनुघाट, कोनार और गोमिया में एक-एक सेमी वर्षा दर्ज की गयी.
बड़कागांव प्रखंड की कांडतरी नदी उफना गयी. नदी के पार जानेवाले लोगों को काफी देर तक नदी का पानी उतरने का इंतजार करना पड़ा. कुछ बच्चे जान हथेली पर लेकर नदी पार करके स्कूल गये. गुमला में कई स्कूलों को बंद करना पड़ा.
कोल्हान : बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त
झारखंड-ओड़िशा सीमा पर वैतरणी पुल के दोनों ओर 12 किलोमीटर तक 16 घंटे सड़क जाम
जगन्नाथपुर : आधी रात पेड़ गिरने से मकान की दीवार गिरी, अंदर सो रहे घरवाले बाल-बाल बचे
चाईबासा : सदर प्रखंड के खूंटा और बारीपुखरी गांव के बीच गुमढ़ा नदी में बना डायसर्वन बहा, आवागमन ठप
चांडिल : घोड़ानेगी में वर्षों पुराना इमली पेड़ गिरा, पांच बाइक व बिजली पोल क्षतिग्रस्त
घाटशिला : बारिश से सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद, किसान हताश
एनएच-18 : गालूडीह से माहुलिया तक रेंग-रेंगकर चल रहा वाहनें
अक्तूबर माह में किस वर्ष कितनी बारिश
वर्ष वर्षा
2018 026.4 मिमी
2017 073.0 मिमी
2016 015.4 मिमी
2015 044.2 मिमी
2014 087.1 मिमी
2013 403.1 मिमी
2012 054.4 मिमी
वर्ष वर्षा
2011 066.7मिमी
2010 090.9ममी
2009 68.4 मिमी
खेती के लिए फायदेमंद है यह बारिश
लगातार हो रही बारिश खेती के लिए काफी फायदेमंद है. कृषि वैज्ञानिक सह मौसम वैज्ञानिक डॉ वदूद के अनुसार, खेत में ऊपरी व मध्यम जमीन में लगे फसल व खड़ी फसल के लिए यह बारिश उपयुक्त है. सबसे अधिक फायदा रबी फसल की बुआई के लिए है. इस बारिश से जमीन में नमी आयेगी, जो गेहूं, सरसों व अन्य फसलों के लिए लाभकारी होगा. उन्होंने बताया कि सब्जी के लिए भी बारिश लाभदायक है.
प्रशासन से अलर्ट रहने का आग्रह
मौसम विभाग के निदेशक एसडी कोटाल ने स्थिति को देखते हुए प्रशासन से आग्रह किया है कि वह अपने सिस्टम को अलर्ट पर रखें. हालांकि, मौसम विभाग ने बताया है कि 26 अक्तूबर को मौसम सामान्य रहेगा.

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