एनपीए भुगतान की राशि वसूलें
सरकार की अनुमति के बगैर डॉक्टर को सात साल तक भुगतान, वित्त ने कहा रांची : रिम्स के चिकित्सकों को वर्ष 2002 से 2012 तक लिया गया नन प्रैक्टिसिंग एलाउंस (एनपीए) वापस लौटाना पड़ सकता है. मामले पर विवाद कायम है. वित्त विभाग ने इस सिलसिले में डॉक्टरों को बिना अनुमति किया गया एनपीए का […]
सरकार की अनुमति के बगैर डॉक्टर को सात साल तक भुगतान, वित्त ने कहा
रांची : रिम्स के चिकित्सकों को वर्ष 2002 से 2012 तक लिया गया नन प्रैक्टिसिंग एलाउंस (एनपीए) वापस लौटाना पड़ सकता है. मामले पर विवाद कायम है.
वित्त विभाग ने इस सिलसिले में डॉक्टरों को बिना अनुमति किया गया एनपीए का भुगतान वसूलने और सरकार की सहमति के बाद एनपीए देने की बात कही है. रिम्स के शासी निकाय ने एक प्रस्ताव पारित कर 2005 से ही अपने चिकित्सकों को एनपीए देना शुरू कर दिया था.
अगले सात सालों तक सरकार की अनुमति के बिना रिम्स के चिकित्सकों को एनपीए मिलता रहा. वर्ष 2012 में तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव के विद्यासागर ने एनपीए के लिए सरकार द्वारा दिया जा रहा आवंटन बंद कराया था. उसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने रिम्स में पदस्थापित डॉक्टरों को फिर से एनपीए देने और वर्ष 2005 से 2012 तक किये गये एनपीए भुगतान को नियमित करने का प्रस्ताव दिया.
संबंधित प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने कहा कि बिना सरकार की अनुमति के रिम्स द्वारा किये गये एनपीए भुगतान की राशि की वसूली की जानी थी. साथ ही सरकार अगर रिम्स के डॉक्टरों को एनपीए देने का फैसला लेती है, तो उसे अधिसूचना की तिथि से प्रभावी माना जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग से पूछा है कि सात सालों तक बिना सरकार के अनुमोदन रिम्स के डॉक्टरों को एनपीए का भुगतान नियमानुकूल था या नहीं.