समस्याओं के समाधान में मददगार बनें पादरी

रांची : जीइएल चर्च मानव संसाधन विकास केंद्र (एचआरडीसी) के पूर्व निदेशक बिशप एएस हेमरोम ने कहा कि पादरियों को लोगों की समस्याओं के समाधान और जरूरतों को पूरा करने में मददगार बनने की जरूरत है. सुसमाचार प्रचार सिर्फ धार्मिक कर्मकांड पूरा करने तक सीमित न रहे. वे मंगलवार को क्राइस्ट चर्च, मेन रोड में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2019 8:33 AM

रांची : जीइएल चर्च मानव संसाधन विकास केंद्र (एचआरडीसी) के पूर्व निदेशक बिशप एएस हेमरोम ने कहा कि पादरियों को लोगों की समस्याओं के समाधान और जरूरतों को पूरा करने में मददगार बनने की जरूरत है. सुसमाचार प्रचार सिर्फ धार्मिक कर्मकांड पूरा करने तक सीमित न रहे. वे मंगलवार को क्राइस्ट चर्च, मेन रोड में आयोजित जीइएल चर्च छोटानागपुर व असम के पास्टर्स सेमिनार में बोल रहे थे़

उन्होंने कहा कि हमें बच्चों की शिक्षा के लिए फर्दीनंद हान द्वारा सुझाये ‘उदार प्रज्ञा’ की अवधारणा पर विचार करना चाहिए़ साथ ही कृषकों की आयवृद्धि के लिए कृषि के तरीके में सुधार के लिए भी प्रयास करें. सेमिनार के दूसरे दिन हेडक्वार्टर कांग्रीगेशन, नॉर्थवेस्ट डायसिस, साउथ ईस्ट डायसिस, साउथ वेस्ट डायसिस व मध्य डायसिस की मिनिस्टीरियम (पादरियों की सभा) की रिपोर्ट प्रस्तुत किये गये.
इस अवसर पर माॅडरेटर बिशप जोहन डांग, बिशप जॉनसन लकड़ा, बिशप अमृत जय एक्का, बिशप जे सांगा, बिशप एमपी बिलुंग, बिशप एन भुईयां, साउथ वेस्ट डायसिस के वाइस प्रेसिडेंट पावल लुगुन सहित देश के 12 राज्यों से आये लगभग 250 पादरी मौजूद थे़

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