रांची : अनुसंधान व विधि व्यवस्था के लिए अलग होगी पुलिस टीम

रांची : थाना स्तर पर अनुसंधान और विधि व्यवस्था के लिए पुलिस की अलग-अलग टीम बनाकर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ट्रायल किया जायेगा. रांची और जमशेदपुर के कुछ थानों में पहले चरण में ट्रायल किया जा सकता है. इसमें तकनीकी रूप से दक्ष नये दारोगा को शामिल किया जायेगा. यह व्यवस्था सफल रहने पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2019 9:18 AM
रांची : थाना स्तर पर अनुसंधान और विधि व्यवस्था के लिए पुलिस की अलग-अलग टीम बनाकर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ट्रायल किया जायेगा. रांची और जमशेदपुर के कुछ थानों में पहले चरण में ट्रायल किया जा सकता है. इसमें तकनीकी रूप से दक्ष नये दारोगा को शामिल किया जायेगा. यह व्यवस्था सफल रहने पर दूसरे जिलों में लागू की जायेगी.
पुलिस मुख्यालय का मानना है कि रांची और जमशेदपुर जैसे जिलों के थानों में तैनात पुलिस के कनीय अफसरों का अधिकांश समय विधि व्यवस्था में ही बीत जाता है. इसका सीधा असर अनुसंधान पर पड़ता है. जल्दबाजी में कई बार पुलिस निर्दोष को भी जेल भेज देती है. वहीं, साक्ष्य के अभाव में पुलिस आरोपी को कोर्ट से सजा दिलाने में भी चूक जाती है. कई बार पुलिस के अनुसंधान को लेकर कोर्ट ने सवाल भी उठाये हैं.
अभियोजन पर जोर : डीजीपी केएन चौबे अभियोजन पर जोर दे रहे हैं, ताकि आरोपियों को सजा दिलायी जा सके. इसके लिए पुलिस जिला स्तर पर कानून के जानकारों की मदद लेगी, ताकि अनुसंधान के दौरान कानूनी पहलुओं को ध्यान में रख कर साक्ष्य का संकलन हो और कोर्ट में बेहतर ढंग से प्रस्तुत किया जा सके.

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