आपूर्तिकर्ता से ही करवा ली दवा गुणवत्ता की जांच

बीआइटी या आइवीआरआइ से करानी थी जांच आपूर्ति आदेश के नियमों का उल्लंघन मनोज सिंह रांची : पशुपालन विभाग में आपूर्तिकर्ता दवा कंपनी से ही दवा की गुणवत्ता की जांच करवा ली गयी. कई जिलों ने गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट के आधार पर तय शर्तों का उल्लंघन करते हुए भुगतान भी कर दिया है. पशुपालन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2014 6:00 PM

बीआइटी या आइवीआरआइ से करानी थी जांच आपूर्ति आदेश के नियमों का उल्लंघन मनोज सिंह रांची : पशुपालन विभाग में आपूर्तिकर्ता दवा कंपनी से ही दवा की गुणवत्ता की जांच करवा ली गयी. कई जिलों ने गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट के आधार पर तय शर्तों का उल्लंघन करते हुए भुगतान भी कर दिया है. पशुपालन निदेशक डॉ आनंद गोपाल बंदोपाध्याय ने जो आपूर्ति आदेश निकाला था, उसमें दवा के गुणवत्ता की जांच कराने की जिम्मेदारी जिले के पशुपालन पदाधिकारी की थी. जांच कराने के लिए बीआइटी मेसरा या आइवीआरआइ बरेली को अधिकृत किया गया था. शर्त थी कि दवा की आपूर्ति के बाद 80 फीसदी राशि का भुगतान होगा. गुणवत्ता जांच के बाद शेष 20 फीसदी राशि का भुगतान किया जायेगा. कई जिलों में जिला पशुपालन पदाधिकारियों ने दूसरी संस्थाओं से करायी गयी गुणवत्ता जांच के आधार पर कोलकाता की एक कंपनी को पूरी राशि का भुगतान कर दिया. यह मामला 2010-11 और 2011-12 में भुगतान का है. इसकी जांच पशुपालन विभाग करा रहा है. क्या था आदेश पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ (कैप्टन) आनंद गोपाल बंदोपाध्याय ने 25 अगस्त 2011 को आपूर्ति संबंधी दिशा निर्देश जारी किया था. इसमें स्पष्ट रूप से जिक्र था कि आपूर्ति आदेश निर्गत करने वाले पदाधिकारी पशु औषधि/ रसायनों को प्राप्त कर उसकी गुणवत्ता की जांच करायेंगे. सक्षम पदाधिकारी से तत्संबंधी प्रमाण पत्र विपत्र पर प्राप्त कर भुगतान करेंगे. शेष 20 फीसदी राशि का भुगतान बीआइटी मेसरा अथवा आइवीआरआइ बरेली से प्राप्त संतोषप्रद गुणवत्ता रिपोर्ट के बाद ही भुगतान करेंगे. किसी प्रकार के अग्रिम का भुगतान नहीं होगा. कोलकाता की कंपनी ने की एक करोड़ रुपये की आपूर्ति कोलकाता की एक कंपनी को 2012-13 में पशुपालन विभाग ने एक करोड़ रुपये से अधिक की आपूर्ति की है. विभाग ने जो सूचना उपलब्ध करायी है, उसमें सबसे अधिक आपूर्ति रांची जिले में हुई है. यहां 28 लाख रुपये की दवा आपूर्ति की गयी थी. वर्जन…सभी जिला पशुपालन पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि आदेश का उल्लंघन नहीं हो. इसके बाद भी उल्लंघन किये जाने की सूचना है. इसकी जांच करायी जा रही है. डॉ एजी बंदोपाध्याय, निदेशक, पशुपालन (विरमित होने से पहले की गयी थी बात)

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