रांची : झारखंड विधानसभा- 2019 की घोषणा के साथ ही अनुमंडल दंडाधिकारी, रांची लोकेश मिश्रा ने संपूर्ण रांची सदर अनुमंडल क्षेत्र में धारा 144 लागू करते हुए धारा निषेधाज्ञा आदेश जारी कर दिया है. यह आदेश दिनांक – 01.11.2019 के अपराह्न से प्रभावी है. जारी आदेश के मुताबिक किसी भी व्यक्ति, राजनैतिक दल, संगठन, उम्मीदवार, अभ्यर्थी के द्वारा राजनैतिक प्रयोजन से संबंधित किसी भी प्रकार की सभा, जुलूस, धरना या किसी भी प्रकार का प्रदर्शन बिना पूर्वानुमति के आयोजित नहीं किया जायेगा. इसके अतिरिक्त जुलूस में किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी प्रकार के धारदार हथियार को लेकर चलने पर प्रतिबंध है.
जारी निषेधाज्ञा के मुताबिक इस दौरान रात्रि के 10 बजे से सुबह 06 बजे तक किसी भी प्रकार के लाउडस्पीकर का प्रयोग वर्जित रहेगा. किसी भी सरकारी या सार्वजनिक संपत्ति पर नारा लिखना, पोस्टर/पम्पलेट चिपकाना, पार्टी विशेष का झंडा लगाना, सार्वजनिक सड़कों पर बैनर लगाना, होर्डिंग लगाना एवं तोरण द्वार लगाने पर प्रतिबंध है. इन प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति पर प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट 1987 के सुसंगत प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जायेगी.
इसके अतिरिक्त किसी भी व्यक्तिगत संपत्ति पर बिना संपत्ति मालिक की लिखित अनुमति के नारा लिखना, कंप्लीट चिपकाना, पार्टी विशेष का झंडा लगाना एवं होर्डिंग लगाने को भी प्रतिबंधित किया गया है.
जारी निषेधाज्ञा के दौरान भारतीय दंड संहिता में परिभाषित किसी भी अपराध करने तथा शांति भंग करने के उद्देश्य से 5 या उससे अधिक व्यक्ति किसी भी स्थान पर एकत्रित नहीं हो सकेंगे. कोई भी व्यक्ति या राजनीतिक दल या संगठन या उम्मीदवार जो व्यक्ति ऐसे किसी प्रकार का पोस्टर पर्चा आलेख फोटो आदि का प्रयोग नहीं करेंगे जो किसी व्यक्ति या समुदाय या धर्म या जाति की भावनाओं को आहत करता हो तथा इससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता हो.
जारी निषेधाज्ञा में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर भी संबंधित आदेश जारी किया गया है. इस दौरान कोई भी व्यक्ति अथवा राजनीतिक दल या संगठन उम्मीदवार या अभ्यर्थी किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध ऐसे किसी आपत्तिजनक टिप्पणी विधि विरुद्ध संदेश का प्रयोग व्हाट्सएप, फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम अथवा सोशल मीडिया पर या किसी भी तंत्र पर नहीं करेंगे, जिससे किसी की व्यक्तिगत या मानसिक या धार्मिक भावनाएं आहत होती हो तथा जिससे चुनाव संबंधी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता हो. इनका उल्लंघन करने पर सुसंगत प्रावधानों के तहत कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी.
इस दौरान कोई भी व्यक्ति या राजनैतिक दल, संगठन या उम्मीदवार या अभ्यर्थी किसी धार्मिक स्थल का प्रयोग राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं करेंगे एवं सांप्रदायिक भावना को भड़काने का कार्य नहीं करेंगे. इसके अतिरिक्त किसी भी मतदाता को डराने धमकाने का कार्य नहीं करेंगे और ना ही किसी भी मतदाता को प्रलोभन में लाने का प्रयास करेंगे.
सरकारी स्वामित्व वाले गेस्ट हाउस भवन का कोई भी हिस्सा किसी भी राजनैतिक गतिविधियों या सभा बैठक के लिए उपयोग नहीं किया जायेगा. किसी राजनैतिक दल अभ्यर्थी अथवा अन्य किसी व्यक्ति के द्वारा ऐसा कोई कार्य नहीं किया जायेगा जिससे विभिन्न जातियों या धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच घृणा की भावना उत्पन्न हो.
प्रदूषण फैलाने वाले प्रचार सामग्री में प्लास्टिक या पॉलिथीन से बने पोस्टर बैनर का इस्तेमाल राजनीतिक प्रचार प्रसार के लिए नहीं किया जायेगा. कोई भी व्यक्ति या राजनीतिक दल या संगठन या उम्मीदवार या अभ्यर्थी किसी भी प्रकार का लाइसेंसी हथियार लेकर नहीं चलेगा एवं अग्नियास्त्र, तीर-धनुष, लाठी, भाला एवं मानव शरीर के लिए अन्य घातक हथियार प्रदर्शन नहीं करेगा. इसमें परंपरागत रूप से शस्त्र धारण करने वाले समुदाय, विधि-व्यवस्था एवं निर्वाचन कर्तव्य पर लगे दंडाधिकारी या निर्वाचन कर्मियों और पुलिस पदाधिकारियों पर यह लागू नहीं रहेगा.
यह आदेश जिला दंडाधिकारी द्वारा झारखण्ड विधानसभा आम निर्वाचन के अवसर पर निर्गत किये जाने वाले आदेश के आलोक में निर्दिष्ट स्थान पर शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा शास्त्र निरीक्षण कराने एवं शस्त्र जमा करने हेतु शस्त्र ले जाने वाले अनुज्ञप्ति धारियों पर शिथिल रहेगा. किसी भी व्यक्ति/राजनैतिक दल/संगठन/उम्मीदवार/अभ्यर्थी के द्वारा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता के संदर्भ में समय-समय पर जारी दिशा-निर्देश के विपरीत कोई भी कार्य नहीं किया जायेगा.
इसके अतिरिक्त जारी आदेश पूर्वानुमति प्राप्त सभा/जुलूस/शादी/बारात पार्टी/शव यात्रा/हाट बाजार/अस्पताल जा रहे मरीज के साथ-साथ जा रहे व्यक्तियों, विद्यालय एवं महाविद्यालय जाने वाले छात्र/छात्राओं एवं कर्तव्य पर तैनात सरकारी कर्मचारी/पुलिस बल पर लागू नहीं रहेगा.