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खूंटी, तोरपा, मांडर व तमाड़ में सात और रांची, हटिया, कांके, खिजरी व सिल्ली में 12 दिसंबर को पड़ेंगे वोट
राज्य में 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में विस चुनाव, रिजल्ट 23 को नयी दिल्ली : झारखंड विधानसभा की सभी 81 विधानसभा सीटों के लिए पांच चरणों में चुनाव होंगे. चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही राज्य में आचार संहिता लागू हो गयी है. पहले चरण के लिए अधिसूचना […]
राज्य में 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में विस चुनाव, रिजल्ट 23 को
नयी दिल्ली : झारखंड विधानसभा की सभी 81 विधानसभा सीटों के लिए पांच चरणों में चुनाव होंगे. चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही राज्य में आचार संहिता लागू हो गयी है. पहले चरण के लिए अधिसूचना 6 नवंबर को और अंतिम चरण के लिए 26 नवंबर को जारी होगी.
वोटों की गिनती 23 दिसंबर को होगी. इसी दिन रिजल्ट भी आ जायेगा. खूंटी, तोरपा, मांडर व तमाड़ में सात िदसंबर और रांची, हटिया, कांके, िखजरी व िसल्ली में 12 िदसंबर को वोट पड़ेंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शुक्रवार को चुनाव की तारीखों का एलान किया.
उन्होंने कहा कि पहले चरण में 30 नवंबर को 13 सीटों पर, दूसरे चरण में 7 दिसंबर को 20 सीटों पर, तीसरे चरण में 12 दिसंबर को 17 सीटों पर, चौथे चरण के लिए 16 दिसंबर को 15 सीटों पर और पांचवें चरण के लिए 20 दिसंबर को 16 सीटों पर मतदान होगा. 2014 में भी पांच चरणों में चुनाव हुए थे और प्रत्येक चरण में उन्हीं सीटों के लिए वोटिंग हुई थी, जिन पर इस बार मतदान होगा.
37 सीटें आरक्षित
झारखंड की 81 सीटों में से नौ विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति और 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं.
2.27 करोड़ वोटर
मतदान केंद्रों में भी 20 फीसदी का इजाफा
3.29 करोड़ राज्य की कुल आबादी
2.27 करोड़ कुल वोटर
1.18 करोड़ पुरुष वोटर
1.09 करोड़ महिला वोटर
100 प्रतिशत मतदाताओं के पास आइडी कार्ड है. राज्य में कुल 29464 मतदान केंद्र बनाये गये हैं. इस बार मतदान केंद्रों में भी 20 फीसदी का इजाफा किया गया है.
सुनील अरोड़ा, मुख्य चुनाव आयुक्त
19 जिले नक्सल प्रभावित : राज्य के 24 में से 19 जिले नक्सल प्रभावित हैं, जिनमें से 13 सर्वाधिक नक्सल प्रभावित हैं
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के विशेष इंतजाम
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान कराना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विशेष सुरक्षा इंतजाम कराये गये हैं. नक्सल समस्या को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है. केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों की 70 टुुकड़ी चुनाव के लिए देने का फैसला किया है. नक्सल प्रभावित इलाकों में चप्पे-चप्पे पर अर्धसैनिक बल तैनात रहेंगे. इसके अलावा चुनाव में काले धन पर रोक लगाने के लिए 34 आयकर अधिकारी तैनात किये जायेंगे. साथ ही सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए भी एक दल तैनात रहेगा.
दिव्यांग और सीनियर सिटीजन को पोस्टल बैलेट की सुविधा
पहली बार शारीरिक दिव्यांग और सीनियर सिटीजन घर बैठे पोस्टल बैलेट के जरिए अपना वोट डाल सकेंगे. उनके पास पोलिंग स्टेशन पर जाकर इवीएम से वोट डालने के अलावा घर बैठे पोस्टल बैलेट के जरिये अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का विकल्प होगा.
दलों की चुनौतियां
भाजपा ने 65 पार का नारा दिया है, लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम को देखते हुए भाजपा के लिए इस लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं होगा. पिछले चुनाव में भाजपा ने आजसू के साथ मिल कर सरकार बनायी. एक बार फिर दोनों साथ चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि दूसरी ओर झामुमो, कांग्रेस और अन्य दल मिल कर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
2019 का लोकसभा चुनाव : विपक्षी गठबंधन के बावजूद भाजपा-आजसू ने कुल 14 में से 12 सीटों पर जीत हासिल कीं
2014 के विस चुनाव में किस दल को कितनी सीटें
37 (31.8%)
भाजपा
05 (3.7%)
आजसू
19 (20.8%)
झामुमो
08 (10.2%)
झाविमो
06 (10.6%)
कांग्रेस
06 (22.9%)
अन्य
इस बार के चुनाव की कुछ खास बातें
पोलिंग स्टेशनों की संख्या में 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.चुनाव खर्च पर नजर रखने के लिए हर जिले में इनकम टैक्स विभाग के अफसर तैनात किये जायेंगे.
आयोग ने सख्त लहजे में कहा है कि नामांकन फाॅर्म में कोई भी कॉलम खाली छोड़ने पर उम्मीदवार का नामांकन खारिज कर दिया जायेगा.
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