नगर निगम : संसाधन बढ़ा पर व्यवस्था बदहाल

तसवीर सुनील गुप्ता कीरांची. एक जनवरी से रांची शहर की सफाई व्यवस्था रांची नगर निगम के जिम्मे है. इससे पूर्व शहर की सफाई व्यवस्था एटूजेड कंपनी संभाल रही थी परंतु स्थिति नहीं संभाल पाने की स्थिति में नगर निगम ने कंपनी से शहर की सफाई व्यवस्था अपने जिम्मे ले लिया. आज निगम के सफाई व्यवस्था […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2014 8:01 PM

तसवीर सुनील गुप्ता कीरांची. एक जनवरी से रांची शहर की सफाई व्यवस्था रांची नगर निगम के जिम्मे है. इससे पूर्व शहर की सफाई व्यवस्था एटूजेड कंपनी संभाल रही थी परंतु स्थिति नहीं संभाल पाने की स्थिति में नगर निगम ने कंपनी से शहर की सफाई व्यवस्था अपने जिम्मे ले लिया. आज निगम के सफाई व्यवस्था को संभाले हुए सात माह पूरा होने को है लेकिन शहर की सफाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं दिख रहा है. शहर की सड़कें कचरे से भरी पड़ी हैं. गली मोहल्लों में सफाई कर्मचारियों नियमित नहीं पहुंचते. कचरे के ढेर के कारण गली मोहल्लों में मक्खी मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. परंतु नगर निगम का ध्यान इस ओर नहीं है. खर्च बढ़ा पर स्थिति अब भी बदहालएटूजेड के हटने के बाद रांची नगर निगम ने सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभाला. पूर्व में एटूजेड कंपनी को सफाई के एवज में नगर निगम प्रतिमाह 75-80 लाख रुपये का भुगतान करता था. परंतु वर्तमान में नगर निगम हर माह साफ सफाई पर 1.25 करोड़ की राशि खर्च कर रहा है. साफ सफाई में नगर निगम की ओर से बेतहाशा खर्च किये जाने के बाद भी स्थिति बदहाल है. दूसरी और एटूजेड कंपनी एक हजार मजदूरों से शहर की सफाई करवाती थी, आज नगर निगम 1900 कर्मचारियों से सफाई कार्य करवा रहा है. पूर्व में एटूजेड 35 ट्रैक्टरों से सफाई करवाती थी, आज 80 ट्रैक्टर से कूड़े का उठाव हो रहा है. एटूजेड के सफाई करते समय हर माह डीजल पर 14-16 लाख रुपये खर्च होता था, आज यह खर्च बढ़ कर 24 लाख प्रतिमाह तक पहुंच गया है. फिर भी सफाई व्यवस्था में सुधार होने के स्थान पर इसमें दिनों दिन स्थिति बिगड़ती जा रही है.सफाई के नाम पर घोटाला हो रहा निगम में: पार्षदशहर के सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर पार्षदों ने ही आपत्ति जतायी है. वार्ड नंबर 19 की पार्षद आशा देवी कहती हैं कि साफ-सफाई के नाम पर नगर निगम में भारी घोटाला हो रहा है. एटूजेड जिन ट्रैक्टरों को 14 हजार देता था, आज उन वाहनों को नगर निगम 20 हजार दे रहा है. डीजल की खपत में भी भारी बढ़ोतरी हुई है. जबकि निगम के वाहन कचरा उठाने के लिए रोज नहीं आते है. निगम में हो रहे इस गड़बड़ी की उच्चस्तरीय जांच हो.

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