झारखंड की राजनीति का फ्लैशबैक : नौ बार जीते, केवल एक बार चुनाव हारे थे विशेश्वर खान

रांची : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विशेश्वर खान 45 साल तक विधायक रहे. संताल परगना के नाला विधानसभा से इनको हराना आसान नहीं था.श्री खान का जीवनकाल 94 साल का रहा. इसमें से 45 साल वह विधायक रहे. नौ बार उन्होंने नाला विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व किया. 1962 से उनका विजयी अभियान शुरू हुआ. एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2019 7:28 AM
रांची : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विशेश्वर खान 45 साल तक विधायक रहे. संताल परगना के नाला विधानसभा से इनको हराना आसान नहीं था.श्री खान का जीवनकाल 94 साल का रहा. इसमें से 45 साल वह विधायक रहे. नौ बार उन्होंने नाला विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व किया. 1962 से उनका विजयी अभियान शुरू हुआ. एक बार छोड़ वर्ष 2000 तक लगातार चुनाव जीते. अलग राज्य गठन के बाद वह झारखंड विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर भी रहे. विशेश्वर खान को पहली बार कांग्रेस की राजकुमारी हिम्मत सिंघका ने 1990 में हराया था. इस चुनाव में वह श्रीमती सिंघका से 5163 मतों के अंतर से हार गये थे.
1962 से पूर्व विधानसभा में दो-दो विधायक होते थे. इसी वक्त परिसीमन तय होकर एक-एक विधानसभा में एक-एक विधायक का चुनाव होने लगा. नाला से इनके हटने के बाद वहां से कभी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी चुनाव नहीं जीत पायी. 2005 व 2014 में इस सीट का नेतृत्व झामुमो के रवींद्र नाथ महतो ने किया था. 2009 में भाजपा के सत्यानंद झा जीते थे. पहले चुनाव में विशेश्वर खान 8082 मतों से जीते थे. अंतिम चुनाव में उन्होंने झामुमो के रवींद्र नाथ महतो को मात्र 634 मतों से हराया था.

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