मारू ने पत्र लिख आमसभा की सूचना नहीं देने की शिकायत की, जेएससीए ने पूछा- पत्र में अशोक स्तंभ का इस्तेमाल कैसे किया
रांची : पूर्व सांसद और झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) के सदस्य अजय मारू ने पत्र लिख कर 31 अक्तूबर को हुई संस्था की आमसभा की सूचना नहीं देने की बात कही है. उन्होंने जेएससीए के अध्यक्ष को अपने लेटरहेड पर पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है वर्षों से आमसभा की सूचना डाक […]
रांची : पूर्व सांसद और झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) के सदस्य अजय मारू ने पत्र लिख कर 31 अक्तूबर को हुई संस्था की आमसभा की सूचना नहीं देने की बात कही है. उन्होंने जेएससीए के अध्यक्ष को अपने लेटरहेड पर पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है वर्षों से आमसभा की सूचना डाक या स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजी जाती रही थी. लेकिन, इस परिपाटी को खत्म कर दिया गया. सांसद ने लिखा है कि उन्हें जमशेदपुर में हुई आमसभा की सूचना उसके खत्म होने के बाद अखबार से मिली. उन्होंने आमसभा की सूचना, वार्षिक लेखा की प्रति व बैठक में उपस्थित सदस्यों की सूची मांगी है.
इधर जेएससीए के कमेटी सदस्य सुनील सिंह ने श्री मारू के पत्र का जवाब देते हुए लेटरहेड में अशोक स्तंभ के इस्तेमाल पर सवाल उठाया है.
जेएससीए द्वारा श्री मारू को दिये गये जवाब में कहा गया है कि 15 सालों की सदस्यता में अचानक ही संस्था के कार्यकाल में रुचि लेने के लिए बधाई. पूर्व की तरह ही सभी नियमों को ध्यान में रखते हुए एसोसिएशन की आमसभा आयोजित की गयी थी. 260 सदस्यों ने आमसभा में शिरकत की. आपको छोड़ कर आमसभा की सूचना नहीं होने की शिकायत किसी अन्य सदस्य ने दर्ज नहीं करायी है. जिस अखबार के माध्यम से आप आमसभा संपन्न होने होने की सूचना मिलने की बात कर रहे हैं, उसी अखबार के 22 अक्तूबर के अंक में 31 अक्तूबर को जमशेदपुर में आमसभा का आयोजन होने की भी सूचना प्रकाशित की गयी थी. उसके बाद भी आपकी जानकारी में आमसभा की बात नहीं आना आश्चर्य की बात है.
जेएससीए द्वारा भेजे गये पत्र में कहा गया है कि आपके लेटरहेड पर अशोक स्तंभ के रूप में राष्ट्रीय प्रतीक अंकित किया गया है. जेएससीए की गतिविधियों से संबंधित आपका पत्र पहली बार संस्था को मिला है. जेएससीए के सदस्यों का दायित्व राष्ट्रीय प्रतीकों की गरिमा का भी है. आपसे अनुरोध है कि कृपया बताएं कि राष्ट्रीय प्रतीक का उपयोग आप किस कानून, अधिनियम या के तहत कर रहे हैं. आपको किस गाइडलाइन या संकल्प के तहत अशोक स्तंभ के उपयोग के लिए अधिकृत किया गया है. हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि जेएससीए भी उक्त प्रावधानों का खुलासा करने का प्रयास करेगी.
मैं पिछले 11 सालों से अशोक स्तंभ इस्तेमाल करता हूं. पूर्व सांसदों को उसका स्तंभ करने की अनुमति है. मैं प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक को उसी लेटरहेड पर पत्र लिखता हूं. अब तक किसी ने आपत्ति नहीं की. लेकिन, जेएससीए अध्यक्ष से पूछे गये मेरे सवालों का जवाब देने की जगह मेरे लेटरहेड पर बातें कही गयी हैं. मेरे सवालों के जवाब देने की जगह कमेटी के सचिव मुझे पत्र लिख रहे हैं. मैं जेएससीए को अपना जवाब दे रहा हूं.
– अजय मारू, पूर्व सांसद सह जेएससीए के सदस्य