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अप्रशिक्षित शिक्षकों को अब कोई मौका नहीं, झारखंड के 7500 शिक्षकों की सेवा होगी समाप्त
रांची : शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षक बनने की न्यूनतम योग्यता नहीं रखनेवाले कार्यरत शिक्षकों को अब और मौका नहीं मिलेगा. इस संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग ने सभी राज्यों के शिक्षा सचिवों को पत्र लिखा है. शिक्षकों को न्यूनतम योग्यता हासिल करने के लिए पहले वर्ष 2017 तक का समय […]
रांची : शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षक बनने की न्यूनतम योग्यता नहीं रखनेवाले कार्यरत शिक्षकों को अब और मौका नहीं मिलेगा. इस संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग ने सभी राज्यों के शिक्षा सचिवों को पत्र लिखा है.
शिक्षकों को न्यूनतम योग्यता हासिल करने के लिए पहले वर्ष 2017 तक का समय दिया गया था. बाद में इसे बढ़ाकर 31 मार्च 2019 कर दिया गया. इसलिए वैसे शिक्षक जो 31 मार्च 2019 तक टीचर ट्रेनिंग और अन्य योग्यता हासिल नहीं कर सके हैं, वह पढ़ाने के योग्य नहीं हैं.
इस आदेश से झारखंड में सरकारी और निजी विद्यालयों में कार्यरत 7500 शिक्षकों की सेवा समाप्त हो जायेगी. वहीं, चार हजार ऐसे पारा शिक्षक भी हैं, जो या तो प्रशिक्षण परीक्षा में शामिल नहीं हुए थे या इंटर में उनके पास न्यूनतम 50% अंक नहीं है. इनकी सेवा भी अब समाप्त हो जायेगी.
संपूरक परीक्षा में सफल होने पर भी नहीं दे सकेंगे सेवा : शिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा में असफल शिक्षकों के लिए एनओआइएस द्वारा संपूरक परीक्षा ली जायेगी.
इसकी तिथि घोषित कर दी गयी है. हालांकि, संपूरक परीक्षा को असफल शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने का एक और अवसर नहीं माना जा सकता है. केंद्र के निर्देश के अनुरूप शिक्षकों को 31 मार्च 2019 तक प्रशिक्षण पूरा करना था. इसलिए संपूरक परीक्षा में सफल होनेवाले शिक्षक प्रशिक्षित हो सकते हैं, लेकिन इस आधार पर उनकी सेवा आगे जारी नहीं रखी जा सकेगी.
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