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सफर विधायक का : आजसू से जेवीएम होते हुए बीजेपी पहुंचे नवीन, कभी भाजपा के कारण ही छोड़ना पड़ा था आजसू का दामन
रांची : हटिया विधायक नवीन जायसवाल की राजनीतिक कैरियर आजसू पार्टी से शुरू हुई है. वह हटिया विधानसभा प्रभारी के रूप में काफी समय तक आजसू पार्टी में रहे. फिर सबसे पहले आजसू पार्टी की ही टिकट पर वर्ष 2009 में विधानसभा चुनाव लड़े. तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हटिया से कांग्रेस के […]
रांची : हटिया विधायक नवीन जायसवाल की राजनीतिक कैरियर आजसू पार्टी से शुरू हुई है. वह हटिया विधानसभा प्रभारी के रूप में काफी समय तक आजसू पार्टी में रहे. फिर सबसे पहले आजसू पार्टी की ही टिकट पर वर्ष 2009 में विधानसभा चुनाव लड़े. तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हटिया से कांग्रेस के तब के प्रत्याशी युवराज गोपाल शरण नाथ शाहदेव (अब स्वर्गीय) को जीत हासिल हुई थी.
इस बीच तत्कालीन हटिया विधायक श्री शाहदेव की 28 जून 2010 को मृत्यु हो गयी. इस वजह से यह सीट खाली हो गयी. इसके बाद 12 जून 2012 को हटिया विधानसभा के लिए उप चुनाव हुआ. इस उप चुनाव में नवीन जायसवाल फिर आजसू पार्टी से प्रत्याशी बनाये गये. इस बार उन्हें जीत हासिल हुई और वह पूरे टर्म तक हटिया विधायक रहे.
वर्ष 2014 के चुनाव में एनडीए गठबंधन को लेकर श्री जायसवाल का पेंच फंस गया. गठबंधन के तहत हटिया विधानसभा सीट भाजपा की झोली में चली गयी. वहां से भाजपा की सीमा शर्मा को प्रत्याशी बनाया गया. तब नवीन जायसवाल ने आजसू पार्टी छोड़ दी और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) का दामन थाम लिया. वह जेवीएम की टिकट पर हटिया विधानसभा के उम्मीदवार बने. लंबे समय से आजसू पार्टी में रहे नवीन जायसवाल के लिए जेवीएम नयी पार्टी थी. उन्होंने चुनावी मैदान पर कदम रखा और जीत हासिल की.
इस तरह वह दूसरी बार हटिया के विधायक बने. वर्ष 2014 के नवंबर में चुनाव हुआ था. इसके बाद तुरंत जेवीएम के छह विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था. जेवीएम के छह विधायक एक साथ पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गये थे. इसमें नवीन जायसवाल भी थे. इस तरह नवीन जायसवाल वर्ष 2015 के शुरुआती दिनों से भाजपा में हैं और अभी भी इस पार्टी के ही विधायक के रूप में हैं.
भाजपा के कारण आजसू छोड़ा, पर आज भाजपा में हैं
नवीन जायसवाल को आजसू पार्टी भाजपा के कारण ही छोड़नी पड़ी थी, क्योंकि भाजपा ने आजसू से गठबंधन का हवाला देते हुए हटिया सीट की मांग कर ली थी.
आजसू ने यह सीट भाजपा को देने के लिए समझौता कर लिया था. यानी सीटिंग एमएलए नवीन जायसवाल को सीट न देकर भाजपा को यह सीट दी गयी थी. तब नवीन जायसवाल ने आजसू छोड़ दी. फिर जेवीएम गये. विधायक बने और आज जेवीएम से भाजपा में पहुंच गये. यानी जिस भाजपा के कारण नवीन जायसवाल को आजसू छोड़नी पड़ी थी. सफर तय करते हुए नवीन आज उसी भाजपा में पहुंच गये.
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