शिक्षक नियुक्ति में स्थानीय लोगों को मिले प्राथमिकता

रांची: आदिवासी मूलवासी छात्र संघ, आमसा व झारखंड जनाधिकार मंच ने झारखंड शिक्षक नियमावली में संशोधन के मुद्दे पर राजभवन के समक्ष धरना दिया और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है. इसमें मांग की गयी है कि अविलंब स्थानीय नियोजन नीति बनायी जाये व शिक्षक नियुक्ति नियमावली में आवश्यक संशोधन कर स्थानीय बेरोजगारों को उनका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:46 PM

रांची: आदिवासी मूलवासी छात्र संघ, आमसा व झारखंड जनाधिकार मंच ने झारखंड शिक्षक नियमावली में संशोधन के मुद्दे पर राजभवन के समक्ष धरना दिया और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है. इसमें मांग की गयी है कि अविलंब स्थानीय नियोजन नीति बनायी जाये व शिक्षक नियुक्ति नियमावली में आवश्यक संशोधन कर स्थानीय बेरोजगारों को उनका हक दिया जाये. धरना- प्रदर्शन में विधायक बंधु तिर्की, जगदीश लोहरा, अमूल्य नीरज खलखो, सुभाष साहु, रितेश कुमार सिंह शामिल थे.

ज्ञापन में कहा गया है कि प्राथमिक शिक्षक पद तृतीय वर्गीय पद है और देश के सभी राज्यों में द्वितीय व तृतीय वर्ग की नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाती है. कुछ शर्ते भी ग्रामीण व दूर दराज के क्षेत्र के युवाओं को प्राथमिक शिक्षक बनने से वंचित कर रही हैं.

शर्त रखी गयी है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद शिक्षकों का चयन मेधा सूची के आधार पर किया जायेगा. यह मेधा सूची अभ्यर्थी के मैट्रिक, इंटर व शिक्षण प्रशिक्षण में अजिर्त प्राप्तांक के आधार पर बनेगी. इसमें शहरी क्षेत्रों में सीबीएसई, आइसीएसई बोर्ड के महंगे विद्यालयों के शहरी विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा. पैटर्न के अंतर से गैरबराबरी पैदा हो रही है. मौके पर अजय चौधरी, आदित्य कुमार, भजो हरि महतो, रितेश महतो, सुरेंद्र महतो, भरत महतो, गणोश लोहरा, रूपेश साहु, सुजीत कुमार, अजय लकड़ा मौजूद थे.

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