सुनिए झारखंड के नायकों को : एक लोकतांत्रिक देश में जनता की आकांक्षाओं का अक्स होता है चुनाव
नीलोत्पल मृणाल साहित्यकारों की प्रतिभा आगे बढ़ाने की पहल हो झारखंड में एक बार फिर से चुनाव है. लोकतंत्र में चुनाव महज मतों के बंटवारे का गणित और मतों के गिनती के हिसाब में जीत-हार नहीं होते, बल्कि ये एक लोकतांत्रिक देश में जनता की आकांक्षाओं का अक्स होता है. उनकी छूटी-बची हसरतों का आईना […]
नीलोत्पल मृणाल
साहित्यकारों की प्रतिभा आगे बढ़ाने की पहल हो
झारखंड में एक बार फिर से चुनाव है. लोकतंत्र में चुनाव महज मतों के बंटवारे का गणित और मतों के गिनती के हिसाब में जीत-हार नहीं होते, बल्कि ये एक लोकतांत्रिक देश में जनता की आकांक्षाओं का अक्स होता है.
उनकी छूटी-बची हसरतों का आईना होता है, उनके भविष्य की उम्मीदों का बीज होता है. ऐसे में एक युवा झारखंडी होने के नाते चुनाव से मेरे जमात की भी कुछ उम्मीदें हैं. ये बात किसी से नहीं छिपी है कि राज्य का बड़ा युवा वर्ग रोजगार से वंचित है. ऐसे में कोई भी सरकार बने, उसकी प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि समय पर निष्पक्ष प्रतियोगिता परीक्षा निष्पादित करते हुए युवाओं को नौकरी दे. एक आदिवासी और गरीब गैर-आदिवासी बहुल राज्य झारखंड में सरकार को स्वास्थ्य और शिक्षा पर सबसे ज्यादा फोकस होते हुए सस्ते इलाज़ और मुफ्त शिक्षा की गारंटी लेनी चाहिए.
प्रत्येक जिले में कम से कम एक उच्च स्तरीय अस्पताल-कॉलेज और प्रत्येक प्रखंड में एक स्तरीय स्कूल की उपलब्धता तो न्यूनतम आवश्यकता है, जो अनिवार्यत: पूरी होनी चाहिए. एक साहित्यकार होने के नाते बहुत उम्मीद करता हूं कि राज्य साहित्य अकादमी के अस्तित्व को बहाल कर राज्य के लेखकों-कवियों और साथ-साथ कलाकारों की प्रतिभा को आगे बढ़ाया जाये. उन्हें उचित सम्मान और हक मिले. नया चुनाव,नया झारखंड गढ़े, यही कामना है. जय हो!
वोट की अपील
मतदान करने अवश्य निकलें. आपका एक मत झारखंड को संवारने में अहम साबित होगा. नि:संदेह चुनाव में सभी नेता अपनी-अपनी दावेदारी और लोक लुभावन वायदे के साथ आपका बेशकीमती वोट मांगने आयेंगे, पर वोट उन्हें ही दें, जो शिक्षित हो, ईमानदार हो. क्षेत्र की समस्याओं को समझता हो.