पुलिस मुख्यालय ने सभी एसपी को दी जानकारी
रांची : नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों के नक्सलियों ने आइइडी बनाने की नयी तकनीक हासिल है. इस कारण नक्सल प्रभावित इलाके में आइइडी सर्च अभियान के दौरान सुरक्षा को लेकर पुलिस की चुनौती बढ़ गयी है. पुलिस मुख्यालय के स्तर से नक्सलियों द्वारा आइइडी बनाने में इस्तेमाल की जानेवाली तकनीक को लेकर सभी जिलों के एसपी को जानकारी भी दी गयी है.
पुलिस मुख्यालय ने नक्सल प्रभावित जिलों के एसपी को बताया है कि हाल में चतरा के बेगंवातरी सहित अन्य स्थानों से आइइडी बरामद किये गये हैं. आइइडी भाकपा माओवादी नक्सली संगठन की ओर से लगाये गये थे.
बरामद आइइडी में पहला एंटी हैंडलिंग और दूसरा प्रेशर डिवाइस का प्रयोग किया गया है. इस आइइडी का प्रयोग एंटी व्हीकल और एंटी मैन दोनों तरह से किया जा सकता है. इसे वाहन तथा पैदल चलनेवाले जवानों के खिलाफ क्षमतानुसार प्रयोग में लाया जा सकता है. इसलिए नक्सलियों के खिलाफ अभियान के दौरान पुलिस की सुरक्षा आवश्यक है. पुलिस सूत्रों के अनुसार नक्सलियों के आइइडी की यह तकनीक पुलिस के लिए काफी घातक हो सकती है.
इसलिए पुलिस के स्तर से अभियान में लगे जवानों को भी इसे लेकर सुरक्षा के दृष्टिकोण से जानकारी दी गयी है. खासकर अभियान के दौरान पैदल और वाहन या एंटी लैंड माइन वाहन से चलने के दौरान सुरक्षा बरतने की हिदायत दी गयी है. इसके अलावा चुनाव के दौरान जिन इलाके में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाये जा रहे हैं, वहां भी विशेष सावधानी बरती जा रही है. पुलिस नक्सलियों के मंसूबे को विफल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.
नक्सली मनायेंगे दमन विरोधी सप्ताह, अलर्ट
दूसरी ओर 16 से 22 नवंबर तक नक्सली दमन विरोधी सप्ताह मनायेंगे. इस दौरान नक्सलियों के मूवमेंट के मद्देनजर जिलों के अलावा रेल को अलर्ट किया गया है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्टेशन, ट्रेनों, रेल लाइन, रेलकर्मियों व पदाधिकारी के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखने अौर समय पर सुरक्षा के उपाय करने का निर्देश दिया है.
खासकर रात के समय में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में यात्री ट्रेनों के परिचालन के पूर्व लाइट ट्रेन या गुड्स ट्रेन का परिचालन करवाने को कहा गया है. इसके अलावा नक्सल क्षेत्रों में गश्ती बढ़ाने, चौकसी बरतने अौर घटना-दुर्घटना होने पर या किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिलने पर इसकी सूचना तुरंत वरीय पदाधिकारी को देने का आदेश दिया गया है. इस बाबत सहायक महानिरीक्षक ने मुख्यालय के साथ-साथ डिवीजन कार्यालय को पत्र भेजा है. उधर, पुलिस मुख्यालय के स्तर से भी जिलों का सतर्कता बरतने आैर सर्च अभियान के दौरान चौकस रहने को कहा गया है.
नक्सलियों की चुप्पी से खतरे का संदेह
रांची : विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण व निष्पक्ष कराने के लिए पुलिस प्रशासन पुख्ता तैयारी का दावा कर रहा है. लेकिन विभागीय सूत्रों से जो जानकारी सामने आ रही है उससे खतरे की आशंका जतायी जा रही है. बताया जा रहा है कि लातेहार, गुमला, सरायकेला व चाईबासा में नक्सलियों की गतिविधि ठप है. कौन नक्सली क्या कर रहा है इसकी जानकारी भी पुलिस तक सही से नहीं आ पा रही है.
नक्सली दस्ता पिछले दो सप्ताह से मोबाइल या अन्य कोई साधन का प्रयोग उक्त जिलों में नहीं कर रहा है. न ही खुफिया को नक्सलियों के बारे में सही जानकारी मिल रही है. पुलिस के अफसर आशंका जता रहे हैं कि नक्सलियों की चुप्पी खतरे का अंदेशा है. संभव है नक्सलियों के एक्सप्लोसिव विशेषज्ञ आइइडी और अन्य विस्फोटक सामग्री तैयार कर रहे हों, जिसका उपयोग वे सुरक्षा बलों को निशाना बनाने में करें. हालांकि, चतरा में पिछले कुछ महीनों से नक्सलियों की गतिविधि बढ़ी है. गौतम दस्ता उस जिले में सक्रिय है. इसी तरह बोकारो जिले के चतरोचट्टी व गोमिया थाना के बीच के इलाके में मिथलेश की सक्रियता को देखते हुए पुलिस लगातार सतर्कता बरत रही है. लेकिन उस इलाके में सबकुछ सामान्य नहीं है.
लातेहार में बूढ़ा पहाड़ से नीचे महुआडांड़ से नेतरहाट वाला इलाका भी डेंजर जोन माना जाता है. हालांकि इस इलाके में जगह-जगह सीआरपीएफ का कैंप है. सरायकेला के कुचाई का इलाका में नक्सलियों का दस्ता मौजूद है, लेकिन उनकी कोई गतिविधि नहीं है. इसी तरह चाईबासा में अनल दा की मौजूदगी के बाद भी नक्सलियों की किसी तरह की गतिविधि नहीं होना पुलिस को परेशान किये हुए है.
5200 एसपीओ को किया गया है अलर्ट : प्रदेश में वर्तमान में करीब 5200 स्पेशल पुलिस अफसर (एसपीओ) तैनात हैं. इनमें से 24 जिले के 4200 एसपीओ हैं. जबकि एक हजार के करीब एसपीओ विशेष शाखा के हैं. सभी को नक्सलियों की हर गतिविधि पर नजर रखने का निर्देश विभाग की ओर से दिया गया है. वहीं अब एसपीओ को दिये जाने वाले पैसे को उन्हें नकद देने की जगह अब सीधे उनके एकाउंट में भेजा जा रहा है. पहले कई बार एसपीओ के स्तर पर शिकायत होती थी कि उन्हें पैसा नहीं मिला. बता दें कि एसपीओ को मिलने वाला पैसा केंद्र सरकार मुहैया कराती है.