जेएससीए स्टेडियम : आज पिचों का उदघाटन करेंगे एमएस धौनी और अमिताभ चौधरी

बलांगीर, मोकामा की मिट्टी से तैयार हुए विकेट रांची : जेएससीए स्टेडियम में 11 नये अभ्यास विकेट बनकर तैयार हो गये हैं. इन पिचों का उदघाटन गुरुवार को टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और बीसीसीआइ के पूर्व कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी करेंगे. दोपहर एक बजे उदघाटन का कार्यक्रम जेएससीए के ओवल मैदान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2019 7:01 AM

बलांगीर, मोकामा की मिट्टी से तैयार हुए विकेट

रांची : जेएससीए स्टेडियम में 11 नये अभ्यास विकेट बनकर तैयार हो गये हैं. इन पिचों का उदघाटन गुरुवार को टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और बीसीसीआइ के पूर्व कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी करेंगे. दोपहर एक बजे उदघाटन का कार्यक्रम जेएससीए के ओवल मैदान पर होगा, जिसमें जेएससीए के सभी पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे.

जेएससीए में 2013 से अब तक जिन पिचों का उपयोग होता आया है, उनमें ठाकुर गांव और पिठोरिया की काली मिट्टी का उपयोग किया गया है. यह मिट्टी सपाट पिच के लिए बेहतरीन मानी गयी है, लेकिन खिलाड़ियों को दूसरे पिच का अनुभव देने के उद्देश्य से ओडिशा के बलांगीर और बिहार के मोकामा के टाल एरिया की काली मिट्टी से नये विकेटों का निर्माण किया गया है. इसके अलावा लाल मिट्टी बुंडू-तमाड़ के बीच के क्षेत्र से मंगायी गयी है.

धौनी की सलाह पर जेएससीए ने तैयार की पिचें

रांची : इन पिचों के निर्माण के पीछे का आइडिया टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का है. उन्होंने लगभग तीन साल पहले जेएससीए को इस तरह के विकेट बनाने की सलाह दी थी. धौनी को देश-विदेश के कई पिचों पर खेलने का अनुभव प्राप्त है. अपने अनुभव के आधार पर धौनी ने जेएससीए को इस तरह की पिचों के निर्माण की सलाह दी थी.

स्थानीय खिलाड़ियों को होगा फायदा

इन विकेटों के तैयार हो जाने से स्थानीय क्रिकेटरों को बहुत फायदा होगा. खासकर रणजी क्रिकेटरों को इन पिचों पर अभ्यास का मौका मिलेगा, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैचों का अनुभव मिलेगा. विशेषज्ञों की मानें, तो इन पिचों पर अभ्यास करनेवालों बल्लेबाजों को अधिक फायदा मिलेगा. तीन लेयर में इन पिचों का निर्माण किया गया है. पहले लेयर में चार इंच फाइन बालू का कवर दिया गया है. बालू के चार इंच ऊपर ड्रेनेज क्लियरेंस है और यह दोनों कवर करने के बाद पिच में जो मिट्टी डाली गयी है, वह आठ से लेकर 12 इंच तक मोटी है.

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