रिम्स में ऑपरेशन के लिए भी वेटिंग
रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में ऑपरेशन के लिए भी वेटिंग चल रही है. मरीज महीनों से भरती हैं और अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं. इनमें दर्जनों मरीज ऐसे हैं, जिनकी स्थिति गंभीर है और तुरंत ऑपरेशन नहीं हुआ, तो उनकी हालत और चिंताजनक हो सकती है. कई ऐसे मरीज […]
रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में ऑपरेशन के लिए भी वेटिंग चल रही है. मरीज महीनों से भरती हैं और अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं. इनमें दर्जनों मरीज ऐसे हैं, जिनकी स्थिति गंभीर है और तुरंत ऑपरेशन नहीं हुआ, तो उनकी हालत और चिंताजनक हो सकती है. कई ऐसे मरीज हैं, जो वार्ड में कई माह से भरती हैं, लेकिन उनका ऑपरेशन नहीं किया जा रहा है.
मरीज और उनके परिजन चिकित्सकों से गुहार लगा कर थक चुके हैं, लेकिन ऑपरेशन कब होगा, डॉक्टर उन्हें तिथि नहीं दे रहे हैं. इधर, इस स्थिति के लिए प्रबंधन की ओर से कई वजहें बतायी जा रही हैं. जैसे : मरीजों का अधिक लोड बढ़ना, चिकित्सकों की कमी, स्वास्थ्य केंद्र व सदर अस्पताल में मरीजों को पहले भरती न कर सीधे रिम्स में भरती कराना आदि.
इलाज से ज्यादा खाने में खर्च
कई माह तक ऑपरेशन नहीं होने से परिजनों को मरीजों के इलाज से ज्यादा उनकी देखभाल में खर्च करना पड़ रहा है. मरीजों को खाना तो मिल जाता है, लेकिन उनके परिजनों को अपने खाने की व्यवस्था स्वयं करनी पड़ती है. सांझा चूल्हा में खाना बनाने के लिए दोनों वक्त 50 रुपये का खर्च आता है. राशन और सब्जी में 40 से 50 रुपये का खर्च आता है. यानी एक मरीज के परिजन को एक दिन खाने पर 100 रुपये का खर्च आ रहा है.
कई राज्यों के मरीज भी इंतजार में
रिम्स में छत्तीसगढ़, बिहार, बंगाल एवं ओड़िशा के भी मरीज भरती हैं. शीघ्र इलाज की उम्मीद लेकर वे यहां आये हैं, लेकिन कई माह से इंतजार कर रहे हैं. कई के पास पैसा खत्म हो चुका है और अब वे बिना ऑपरेशन कराये लौटने की तैयारी कर रहे हैं. ज्ञात हो कि रिम्स में अन्य राज्यों से करीब 100 से 150 मरीज हर माह रिम्स में इलाज कराने आते हैं.