रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने प्रदेश के पूर्व मंत्री बंधु तिर्की की एक और जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. कोर्ट में गुरुवार को पत्थलगड़ी मामले में सुनवाई हुई और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. बंधु तिर्की पर पत्थलगड़ी समर्थकों को उकसाने और काली गाय की बलि देने संबंधी भड़काऊ बयान देने के आरोप हैं.
इसके पहले बुधवार को राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में भी उनकी याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके पहले, एसीबी की विशेष अदालत से उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति मिल चुकी है. वह 16 नवंबर को नामांकन दाखिल कर सकते हैं.
बंधु तिर्की ने इस मामले में हाइकोर्ट से जमानत मांगी थी. सरकारी वकील ने बंधु की याचिका का विरोध किया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
उल्लेखनीय है कि झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की पर पत्थलगड़ी समर्थकों को उकसाने का आरोप है. उन पर यह भी आरोप है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने काली गाय की बलि देने की बात कही थी. उन्होंने सरकार को चुनौती दी थी कि यदि उसमें हिम्मत है, तो उन्हें काली गाय की बलि देने से रोककर दिखाये. उनका यह वीडियो वायरल हुआ, तो पुलिस ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.
उल्लेखनीय है कि बहुचर्चित 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले में जेल में बंद पूर्व मंत्री एवं झारखंड विकास मोर्चा के नेता बंधु तिर्की को भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो की विशेष अदालत ने विधानसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करने की बुधवार को अनुमति दे दी. अदालत के आदेश पर बंधु तिर्की 16 नवंबर को मांडर विधानसभा क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे.
झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) ने बंधु तिर्की को अपना उम्मीदवार बनाया है. इससे पहले, एसीबी की विशेष अदालत में उनके अधिवक्ता ने नामांकन के लिए अनुमति याचिका दाखिल की थी. सुनवाई के बाद अदालत ने बंधु तिर्की को पर्चा दाखिल करने की अनुमति दे दी. बंधु तिर्की वर्तमान में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने, पत्थलगड़ी के एक मामले में एवं राष्ट्रीय खेल घोटाले में आरोपित हैं और न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.