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Jharkhand Foundation Day: साल दर साल ऐसे बदली राज्य की सूरत, जानें…

15 नवंबरसन 2000 को झारखंड भारत का 28वां राज्य बना था. देश का यह राज्य सबसे ज्यादा वनों से आच्छादित है, इसलिए इसका नाम नाम झारखंड रखा गया. इसमें ‘झार’ जंगल को दर्शाता है तो ‘खंड’ टुकड़ा को दर्शाता है. झारखंड अपने नाम के अनुसार ही मूल रूप से एक वन क्षेत्र है. इस राज्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2019 9:58 PM

15 नवंबरसन 2000 को झारखंड भारत का 28वां राज्य बना था. देश का यह राज्य सबसे ज्यादा वनों से आच्छादित है, इसलिए इसका नाम नाम झारखंड रखा गया. इसमें ‘झार’ जंगल को दर्शाता है तो ‘खंड’ टुकड़ा को दर्शाता है. झारखंड अपने नाम के अनुसार ही मूल रूप से एक वन क्षेत्र है. इस राज्य में सबसे अधिक खनिज पाया जाता है.

साल 1930 में आदिवासी महासभा ने जयपाल सिंह मुंडा की अगुवाई में अलग झारखंड का सपना देखा था, लेकिन उनका यह सपना साल 2000 में पूरा हुआ. केंद्र सरकार ने आदिवासी नायक बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर बिहार के दक्षिणी हिस्से को विभाजित कर झारखंड को देश का 28वां राज्य बनाया.

15 नवंबर 2019 को झारखंड 19वां स्थापना दिवस मना रहा है. 19 साल पहले अस्तित्व में आने से लेकर अब तक राज्य की स्थिति में काफी परिवर्तन हुआ है. राज्य की सरकारों ने जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिये, जो जमीन पर उतरकर साकार हुए. आइए जानें-

1. सभी 32497 गांव बिजली से रौशन
15 नवंबर 2000 को झारखंड में गांवों की संख्या 32497 थी. इसमें से केवल सात हजार गांवों में ही बिजली पहुंची थी. 31 दिसंबर 2018 तक झारखंड के सभी गांव विद्युतीकृत हो गये, जबकि राज्य के 66,27,439 घरों में जुलाई 2019 तक बिजली कनेक्शन दे दिये गये.

2. मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स झारखंड की शान
राज्य की राजधानी रांची स्थित होटवार में मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स 800 करोड़ की लागत से 2009 में बनकर तैयार हुआ. परिसर में मुख्य स्टेडियम के अलावा सात आउटडोर और इंडोर स्टेडियम हैं. मुख्य एथलेटिक्स स्टेडियम में एक साथ 35 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है. इस कॉम्प्लेक्स में तीन इंडोर स्टेडियम, टेनिस सेंटर, एक्वेटिक स्टेडियम, खोखो, कबड्डी ग्राउंड, शूटिंग रेंज, वेलोड्रोम (साइक्लिंग ट्रैक) बनाये गये हैं. इसके अलावा, इस परिसर में 1.25 लाख वर्ग फीट का प्रशासनिक भवन, वीआइपी गेस्ट हाउस, दो हॉस्टल और अन्य सुविधाएं भी हैं. खेलगांव में 11 हजार खिलाड़ी एक साथ रह सकते हैं.

3. झारखंड ज्यूडिशियल एकेडमी
रांची में धुर्वा डैम के पास झारखंड ज्यूडिशियल एकेडेमी का भव्य भवन लोगों को अपनी अोर आकर्षित करता है. साफ-स्वच्छ हवा के झोंके एकेडमी परिसर के वातावरण को आैर खूबसूरत व मनोरम बनाते हैं. लगभग नाै एकड़ भू-भाग में फैली इको फ्रेंडली ज्यूडिशियल एकेडेमी अत्याधुनिक सुविधाअों से युक्त है. 500 व्यक्तियों के बैठने की क्षमतावाला सभागार है. इसे देश का सबसे बेहतर ज्यूडिशियल एकेडमी बताया जाता है.

4. खुले उच्च शिक्षा के 140 नये संस्थान
झारखंड राज्य बनने के बाद उच्च शिक्षा के क्षेत्र में काफी विस्तार हुआ है. विद्यार्थियों के पलायन को रोकने के लिए लगभग 39 उच्च शिक्षा संस्थान खोले गये. इनमें नौ सरकारी, एक केंद्रीय, 15 निजी विश्वविद्यालय, एक आइआइएम, चार मेडिकल व डेंटल, दो सरकारी इंजीनियरिंग व आठ कृषि सह पशुपालन कॉलेज सहित सौ से अधिक सरकारी व प्राइवेट बीएड कॉलेज खोले गये. राज्य में ट्रिपल आइटी का प्रस्ताव है. जमशेदपुर में महिला विवि की स्थापना हुई और झारखंड रक्षा शक्ति विवि भी खुला. राज्य में एक आइआइएम भी है. आइएसएम (धनबाद) को आइआइटी का दर्जा मिला.

5. साइंस सिटी और तारामंडल स्थापित
राज्य बनने के बाद मोरहाबादी के पास चिरौंदी में साइंस सिटी और तारामंडल का निर्माण किया गया. 13 एकड़ के क्षेत्र में साइंस सिटी और 26 करोड़ की लागत से तारामंडल बना है. दुमका और देवघर में तारामंडल बनाने की प्रक्रिया चल रही है. इनोवेशन हब का शिलान्यास किया गया है.

6. 7336 किमी पथों की लंबाई बढ़ी, 278 बड़े पुल बने
19 वर्षों में राज्य में 7336 किलोमीटर नयी सड़क बनी है. राज्य गठन के पूर्व झारखंड में पथ निर्माण विभाग की 5400 किलोमीटर सड़क थी. इसमें स्टेट हाइवे से लेकर एक शहर से दूसरे शहर को जोड़ने वाली सड़कों के साथ ही महत्वपूर्ण जिलों की सड़कें शामिल थीं. अब 5400 किमी से बढ़ कर 12580 किमी हो चुकी है. साल 2000 में राज्य में सड़कों का घनत्व 67.74 किमी प्रति 1000 वर्ग किमी था, जो बढ़ कर आज 159.78 किमी प्रति 1000 वर्ग किमी हो गया है.

7. 2.30 लाख सखी मंडल बने
राज्य में 2.30 लाख सखी मंडल का गठन किया गया है. सखी मंडल के माध्यम से गांव की महिलाएं सशक्त हो रही हैं. इस दिशा में ग्रामीण विकास विभाग ने लगातार काम किया है. मिशन मोड के रूप में काम करते हुए संख्या को बढ़ाया है. इससे 28 लाख परिवार को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल रहा है. उन्हें सखी मंडल से सहारा मिला है.

8. फोर लेन सड़कों का जाल
राज्य निर्माण से लेकर अब तक नेशनल हाइवे की कई सड़कें चौड़ी की गयीं. 2000 में एक भी फोर लेन सड़क नहीं थी. अब एनएच-33 रांची से हजारीबाग, रामगढ़-बोकारो सहित अन्य सड़कें फोर लेन की गयीं. छह लेन की रांची रिंग रोड बनी. राज्य गठन के बाद पहली बार एनएचएआइ ने झारखंड की सड़कों को अपने अधीन लिया. राजधानी में डिबडीह व कडरू आरओबी बने.

9. ढाईसाल में बन गया साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल
साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल दो साल छह माह पांच दिन में तैयार हो गया. 12 सितंबर, 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे रांची से राष्ट्र को समर्पित किया था. यह देश का दूसरा मल्टी-मॉडल टर्मिनल है. टर्मिनल के पहले चरण के निर्माण पर 290 करोड़ रुपये खर्च हुए. यह टर्मिनल कंटेनर कार्गो हैंडलिंग में सक्षम है और माल ढोने की क्षमता 30 लाख टन प्रति वर्ष है. इसके जेटी की लंबाई 270 मीटर व चौड़ाई 25 मीटर है. जेटी पर एक साथ दो जहाज रह सकते हैं.

10. देश की पहली पेपरलेस विधानसभा
12 सितंबर 2019 को झारखंड को नया विधानसभा मिला. विधानसभा का नया भवन 465 करोड़ रुपये की लागत से 57,220 वर्गमीटर क्षेत्र में बनाया गया है. विधानसभा का नया भवन भविष्य को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है. इसमें विधायकों की सीटों को बढ़ा कर लगभग दोगुना (150 सीट) कर दिया गया है. यह देश की पहली पेपरलेस विधानसभा है. इसमें जल और ऊर्जा संरक्षण की व्यवस्था है. इसकी छत पर झारखंडी संस्कृति की झलक दिखती है. विधानसभा में सौर ऊर्जा से भी बिजली की आपूर्ति होगी. यह भवन विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त हरित भवन की अवधारणा को पूर्ण करता है. भवन में वाटर ट्रीटमेंट प्लांटऔर वर्षा जल संचयनकेलिए छह रिचार्ज पिट लगाये गये हैं.

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