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उग्रवादी घटना में मारे गये लोगों के परिजनों को दो माह में मिलेगी नौकरी

सरकार ने की विधानसभा में घोषणास्पीकर ने कहा मुआवजा के लिए लंबित आवेदनों का हो यथाशीघ्र निष्पादनविधायक बंधु तिर्की और नीलकंठ सिंह मुंडा ने उठाया मामलावरीय संवाददाता, रांचीराज्य गठन के बाद से नक्सली/उग्रवादी घटना में मारे गये आमलोगों के परिजनों को मुआवजा व नौकरी देने से संबंधित मामले को स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता ने गंभीरता […]

सरकार ने की विधानसभा में घोषणास्पीकर ने कहा मुआवजा के लिए लंबित आवेदनों का हो यथाशीघ्र निष्पादनविधायक बंधु तिर्की और नीलकंठ सिंह मुंडा ने उठाया मामलावरीय संवाददाता, रांचीराज्य गठन के बाद से नक्सली/उग्रवादी घटना में मारे गये आमलोगों के परिजनों को मुआवजा व नौकरी देने से संबंधित मामले को स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता ने गंभीरता से लिया है. इस मामले में श्री भोक्ता ने कहा कि मुआवजा के लिए लंबित आवेदनों का निष्पादन यथाशीघ्र और समय सीमा के अंदर किया जाये. इस पर संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र सिंह ने दो माह के अंदर लंबित आवेदनों की जांच कर मुआवजा और नौकरी दिलाने की बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है. राज्य गठन के बाद से अब तक उग्रवादी घटना में 1272 आम लोग मारे गये. इसमें 841 लोगों के परिजनों को मुआवजा का भुगतान कर दिया गया है. आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े होने के कारण 60 आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया है. सदन के अंदर तृणमूल कांग्रेस के विधायक बंधु तिर्की और भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने सवाल उठाया था.लंबित आवेदनों पर अविलंब निर्णय ले सरकार : बंधु तिर्कीविधायक बंधु तिर्की ने कहा कि मुआवजा के लिए अब भी 376 आवेदन प्रक्रिया में हैं. सरकार को इस पर अविलंब निर्णय लेना चाहिए. यह मामले पिछले कई वर्षों से विचाराधीन हैं. अब तक सिर्फ 522 आश्रितों को ही नौकरी दी गयी है. सरकार को समय सीमा तय कर लंबित मामलों का निष्पादन करना चाहिए.खूंटी में 138 में से सिर्फ 18 को ही मिला मुआवजा : नीलकंठभाजपा विधायक नीलकंठ सिंह ने खूंटी में पिछले पांच वर्षों के दौरान उग्रवादियों द्वारा मारे गये 138 लोगों के परिजनों को मुआवजा दिलाने की मांग उठायी. कहा गया कि अब तक सिर्फ 18 परिजनों को ही मुआवजा मिल पाया है. आखिर सरकार कब तक मामले को लटका कर रखेगी.फैक्ट शीट- राज्य गठन के बाद से अब तक उग्रवादी घटना में 1272 आम लोग मारे गये- 841 परिवारों को मिला मुआवजा, मुआवजा के लिए लंबित हैं 376 आवेदन- सिर्फ 522 आश्रितों को मिल पायी है नौकरी-आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े होने के कारण 60 आवेदन अस्वीकृत- खूंटी में पांच साल के दौरान 136 आम लोग मारे गये, 18 परिजनों को मिला मुआवजा, तीन को नौकरी.

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