सुनिए झारखंड के नायकों को : राजनीतिज्ञ जाति-धर्म से परे हो कर काम करें

रचनात्मक कार्यों से जुड़ी प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए बने एकेडमी झारखंड स्थित हजारीबाग के कवि व आलोचक हैं. इनका समग्र लेखन विगत चार दशकों से रोशनी फैला रहा है. इन्होंने हिंदी के महान लेखक फणीश्वरनाथ रेणु और आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी की दुर्लभ रचनाओं की खोज की. रेणु-रचनावली और महावीर प्रसाद द्विवेदी रचनावली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2019 7:07 AM
रचनात्मक कार्यों से जुड़ी प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए बने एकेडमी
झारखंड स्थित हजारीबाग के कवि व आलोचक हैं. इनका समग्र लेखन विगत चार दशकों से रोशनी फैला रहा है. इन्होंने हिंदी के महान लेखक फणीश्वरनाथ रेणु और आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी की दुर्लभ रचनाओं की खोज की. रेणु-रचनावली और महावीर प्रसाद द्विवेदी रचनावली के नाम से कई खंडों में प्रकाशित कराने का श्रेय इन्हें है.
झेलते हुए, मैं हूं यहां हूं, बेचैनी, हाल बेहाल, तुम धरती का नमक हो, इनकी काव्य कृतियां हैं. इनके अलावा इनकी दो दर्जन से अधिक आलोचनात्मक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है. इन्हें नागार्जुन पुरस्कार, रामवृक्ष बेनीपुरी पुरस्कार, राधाकृष्ण पुरस्कार, अंतरराष्ट्रीय पुश्किन सम्मान मिले हैं.
– प्रो डॉ भारत यायावर
झारखंड विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है. लोगों को बुनियादी सुविधाएं सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा सुलभ हो रही है, लेकिन राजनीतिक नेतृत्व में गुणवत्ता का अभाव है.
झारखंड के सांस्कृतिक कर्मियों, साहित्यकारों, कलाकारों एवं संगीतकारों के लिए सरकार की ओर से विशेष कदम अब तक नहीं उठाये गये हैं. यहां भी अन्य राज्यों की तरह रचनात्मक कार्यों से जुड़ी प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए एकेडमी का निर्माण होना चाहिए. प्राकृतिक संपदा का कुशल प्रबंधन से ही झारखंड की समृद्धि और यहां के लोगों के जीवन में खुशहाली संभव है.
राजनीतिज्ञ जाति-धर्म से परे हो कर राज्य के विकास में अपना अहम योगदान दें. प्रत्येक जिले में कम से कम एक उच्च स्तरीय अस्पताल-कॉलेज और प्रत्येक प्रखंड में एक स्तरीय स्कूल की उपलब्धता तो न्यूनतम आवश्यकता है, जो अनिवार्यत: पूरी होनी चाहिए. एक साहित्यकार होने के नाते बहुत उम्मीद करता हूं कि राज्य साहित्य अकादमी के अस्तित्व को बहाल कर राज्य के लेखकों-कवियों और साथ-साथ कलाकारों की प्रतिभा को आगे बढ़ाया जाये. उन्हें उचित सम्मान और हक मिले.
वोट की अपील
मैं देश के सभी नागरिकों से चुनाव में बढ़-चढ़ कर भाग लेने एवं वोट देने की अपील करता हूं. आपके वोट देने के संवैधानिक अधिकार से राष्ट्र का निर्माण होगा. सभी मतदाता बूथ पर जाकर अपना बहुमूल्य वोट दें. हर काम को छोड़ इसे प्राथमिकता दें.

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