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केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर के बयान पर मांगी विस्तृत रिपोर्ट, शहरों में कम मतदान पर चुनाव आयोग ने कही यह बात

रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से पहले भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने गुरुवार को राजधानी रांची में कहा कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के बयान की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है. उसकी रिपोर्ट आते ही विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नक्सल प्रभावित जिलों […]

रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से पहले भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने गुरुवार को राजधानी रांची में कहा कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के बयान की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है. उसकी रिपोर्ट आते ही विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नक्सल प्रभावित जिलों में सुरक्षा बलों की मदद से स्थानीय प्रशासन ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाने में सफल रहेगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शहरों में कम मतदान क्यों हो रहा है, इससे जुड़ा सवाल उन संभ्रांत लोगों से करना चाहिए, जो वोटिंग के दिन घर से नहीं निकलते. श्री अरोड़ा होटल रेडिसन ब्लू में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के नेतृत्व में चुनाव की बेहतर तैयारियां की गयी हैं. राजनीतिक दलों ने कुछ मांगें रखी हैं, जिन पर गौर किया जा रहा है. उनकी चिंताओं को भी दूर किया जायेगा. श्री अरोड़ा ने कहा कि अपनी दो दिन की यात्रा में उन्होंने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के अलावा पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों एवं चुनाव से जुड़ी तमाम एजेंसियों के साथ बैठक की.

उन्होंने बताया कि सभी राजनीतिक दलों का जोर इस बात पर था कि ज्यादा से ज्यादा मतदान सुनिश्चित करने की कोशिश होनी चाहिए. कुछ ट्रांसफर के मुद्दे भी उठे. वहीं, कुछ राजनीतिक दलों ने बैठक में नक्सल प्रभावित इलाकों में पर्याप्त संख्या में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की है. कुछ पार्टियों ने चुनाव के दौरान धनबल के इस्तेमाल पर भी चिंता जतायी है. इतना ही नहीं, यह भी मांग की गयी है कि अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी से दूर रखा जाये. श्री अरोड़ा ने कहा कि झारखंड में धनबल के इस्तेमाल पर जो इनपुट्स उन्हें मिले थे, उसके मद्देनजर एक वरिष्ठ रिटायर्ड आयकर अधिकारी को झारखंड में तैनात कर दिया गया है, जो ऐसी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं.

उन्होंने कहा कि एक केंद्रीय मंत्री के बयान की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया गया. उन्होंने निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से केंद्रीय मंत्री के भाषण का पूरा स्क्रिप्ट मंगवाया है. उसे देखने के बाद आगे की कार्रवाई होगी. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री जावड़ेकर ने पिछले सप्ताह बयान दिया था कि सरकार ने वन अधिनियम में संशोधन का मसौदा वापस ले लिया है. इससे आदिवासियों को फायदा होगा. झारखंड की विपक्षी पार्टियों ने इसे चुनाव को प्रभावित करने वाला बयान करार दिया और कहा कि यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.

श्री अरोड़ा ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों ने कहा था कि कुछ लोग गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) को आगे करके प्रचार अभियान चला रहे हैं, तो किसी ने कहा कि कुछ जिलों के उपायुक्त एक पार्टी विशेष के पक्ष में सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं. हालांकि, किसी ने किसी जिला या किसी उपायुक्त का नाम लेकर कोई शिकायत नहीं की. श्री अरोड़ा ने कहा कि सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिये गये हैं कि वे तमाम संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें. किसी भी एनजीओ को यह मानकर संदेह के दायरे से बाहर न रखें कि वे अपना काम कर रहे हैं. यदि कभी भी ऐसा लगे कि एनजीओ किसी पार्टी विशेष के पक्ष में काम कर रहा है, तो उस पर कार्रवाई करें.

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