झारखंड विधानसभा चुनाव में शामिल प्रमुख दलों का झारखंड को लेकर क्या एजेंडा है? झारखंड कैसे विकसित राज्य बनेगा? यहां के जल-जंगल-जमीन के मुद्दों पर उनकी क्या राय है? झारखंड को लेकर उनका मिशन और विजन क्या है? यह सब जानने के लिए ‘प्रभात खबर’ दलों के प्रमुख चेहरों से साक्षात्कार की एक शृंखला शुरू कर रहा है. इस कड़ी में सबसे पहले भाजपा के प्रमुख चेहरा बने मुख्यमंत्री रघुवर दास से बातचीत की है वरीय स्थानीय संपादक संजय मिश्र ने. साथ में प्रमुख संवाददाता सुनील कुमार झा…
देश की आजादी के 67 साल बाद तक जो काम नहीं हुए वह हमारी सरकार ने पांच वर्ष में किया. राज्य में हर क्षेत्र में विकास हुआ है. स्कूलों में बेंच-डेस्क देने से लेकर घरों तक बिजली पहुंचाने का काम हमारी सरकार ने किया है. वर्ष 2014 में राज्य में 18 फीसदी घरों में शौचालय था, आज राज्य के सौ फीसदी घरों में शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है. उज्जवला योजना के तहत 33 लाख गैस कनेक्शन दिये गये. मैंने पांच साल तक बेदाग सरकार दी. विपक्ष एक रुपये की भी गड़बड़ी का आरोप नहीं लगा सकता. हम जातिवाद, परिवारवाद, तुष्टीकरण की राजनीति नहीं करते. अब राज्य में जातिवाद परिवारवाद नहीं विकासवाद चलेगा.
-आप अपनी जन सभाओं में दावा कर रहे हैं कि भाजपा ने राज्य को स्थिर और मजबूत सरकार दिया है. डबल इंजन की सरकार रही है. इसका राज्य को क्या फायदा मिला है.
वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री जी ने झारखंड के लोगों से कहा था कि वे हमें पूर्ण बहुमत दें, हम संपूर्ण विकास देंगे. आज स्थायी सरकार का फायदा हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. 2014 से पहले राज्य में मिली-जुली सरकार और भ्रष्टाचार से लोग उब चुके थे. पिछले पांच वर्ष में शहर से लेकर गांव तक हर क्षेत्र में विकास हुआ है. वर्ष 2014 में राज्य में 18 फीसदी घरों में शौचालय था, आज राज्य के सौ फीसदी घरों में शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है.
33 लाख लोगों को मिला गैस कनेक्शन : उज्जवला योजना के तहत 33 लाख गैस कनेक्शन दिये गये हैं. झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां मुफ्त गैस चुल्हा के साथ-साथ दो सिलिंडर रिफिल कराने भी सुविधा दी गयी है.
मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना : किसान की आय दोगुनी करने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम किसान योजना शुरू की तो राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना शुरू की. इसके लिए तीन हजार करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया. 35 लाख किसानों को दो किस्त दी जा चुकी है. जनवरी में तीसरी किस्त मिलेगी. किसान के खेतों तक पानी पहुंचे, इसके लिए सालों से बंद पड़ी सिंचाई परियोजनाओं पर काम शुरू किया गया है. कई सिंचाई परियोजनाओं का काम पूरा भी कर लिया गया है. इससे किसानों को बहुत लाभ पहुंचा है. किसान आधुनिक खेती के गुर सीखें, इसके लिए सरकार ने प्रगतिशील किसानों को दूसरे राज्यों के लिए साथ इजरायल भी भेजा है.
90 फीसदी सब्सिडी पर दो गाय : पशुपालन के लिए 90 फीसदी सब्सिडी पर दो गाय दी जा रही है. झारखंड के बांस से बना हुआ सामान आज यूरोप जा रहा है. सरकार 2022 तक किसानों की अाय दोगुनी करने के लिए कृत संकल्प है. स्किल डवेलपमेंट के तहत युवाओं को रोजगार मुहैया कराया गया. स्किल डवलमेंट के लिए 700 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया. आदिवासी बहुल क्षेत्र में 11 नर्सिंग कॉलेज खोले गये. नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं का शत-प्रतिशत प्लेसमेंट हो रहा है.
शत-प्रतिशत विद्यालयों में बेंच-डेस्क : देश की स्वतंत्रता के इतने वर्षों के बाद भी सरकारी विद्यालयों के बच्चे जमीन पर बोरा बिछा कर बैठते थे. वर्ष 2014-15 तक राज्य में मात्र 4277 विद्यालयों में बेंच-डेस्क की व्यवस्था थी. आज राज्य के शत-प्रतिशत सरकारी विद्यालयों में बेंच-डेस्क उपलब्ध है. सरकारी विद्यालयों में बिजली की व्यवस्था की गयी. इसके बाद विद्यालयों में कंप्यूटर की पढ़ाई शुरू हुई है. राज्य में वर्ष 2014-15 तक 2238 उच्च विद्यालय थे आज यह संख्या बढ़ कर 2637 हो गयी है. प्लस टू उच्च विद्यालय 433 से बढ़कर 864, आवासीय विद्यालय की संख्या 210 से बढ़कर 283 हो गयी.पिछले पांच वर्ष में राज्य में लगभग 31 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई. विद्यालयों में संसाधन व शिक्षकों की नियुक्ति का सकारात्मक असर रिजल्ट पर पड़ा. मैट्रिक परीक्षा 2019 में कुल 310158 परीक्षार्थी पास हुए, इसमें से 1.67 लाख फर्स्ट डिवीजन से पास हुए है. गरीब मेधावी बच्चों को सरकार की ओर से नि:शुल्क इंजीनियरिंग व मेडिकल की परीक्षा की तैयारी करायी जाती है.
उच्च शिक्षा में बढ़ा नामांकन अनुपात : राज्य में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात 10.1 था जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर वर्ष 2018-19 में बढ़कर 19.1 हो गया. पांच वर्ष में 12 जिला में महिला महाविद्यालय, 13 जिला में मॉडल कॉलेज एवं 27 विधानसभा क्षेत्र में डिग्री कॉलेज खाेलने को स्वीकृति दी गयी. पांच नये सरकारी विश्वविद्यालय खोले गये. राज्य में नये निजी विश्वविद्यालय खोले गये. वर्ष 2013-14 में राज्य में कुल 30 पोलिटेक्निक संस्थान थे, जिसमें 8820 सीटें थीं. आज इसकी संख्या बढ़कर 43 हो गयी है. पोलिटेक्निक कॉलेजों में सीटों की संख्या 11575 हो गयी. वर्ष 2014-15 में राज्य में आइटीआइ की संख्या 27 थी. आज राज्य में इसकी संख्या बढ़कर 59 हो गयी है. इसके माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार पा रहे हैं. वर्ष 2015 में सरकारी आइटीआइ में कुल 7822 सीटें थीं, जो आज बढ़कर 12881 हो गयी हैं. प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार देने के लिए रोजगार मेला लगाया गया. राज्य में मॉडल करियर सेंटर खोले गये. वर्ष 2014-15 तक एक भी सेंटर नहीं था. आज राज्य में 22 मॉडल करियर सेंटर हैं.
नया विधानसभा और हाइकोर्ट भवन बना : राज्य में नया विधानसभा और हाइकोर्ट भवन का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. सचिवालय के निर्माण का काम भी शुरू कर दिया गया है. पांच साल में राज्य में सड़कों की जाल बिछाई गयी. यह सब डबल इंजन की सरकार से हुई है.
30 लाख परिवारों तक पहुंचायी बिजली : वर्ष 2014 में राज्य में 68 लाख परिवार में से 38 लाख परिवार में बिजली कनेक्शन था. गत पांच वर्ष में 30 लाख परिवार में बिजली पहुंचायी गयी. राज्य में कुल 134 ग्रिड की आवश्यकता है, जबकि मात्र 38 थे. राज्य में 60 ग्रिड व सब स्टेशन बनाने का काम चल रहा है. कृषि कार्य के लिए अलग से अलग फीडर बनाया जा रहा है. 300 कृषि फीडर का काम शुरू किया गया है. तिलका मांझी कृषि पंप योजना के नाम से इसकी शुरुआत की जायेगी.
पर्यटन के क्षेत्र में हुए काम : प्रकृति को नजदीक से देखना है तो लोग झारखंड आयें. राज्य में गत पांच वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में भी काफी काम हुआ है. पर्यटन के क्षेत्र में सरकार ने काफी काम किया है. पतरातू डैम को मेरिन ड्राइव की तर्ज पर विकसित किया गया है. देवघर में एयरपोर्ट बनाया जा रहा है. पारसनाथ में काम हुआ है.
वर्षों से लंबित डैम का काम हुआ पूरा : राज्य में कई सिंचाई योजनाएं वर्षों से लंबित थी. हमारी सरकार ने इसे पूरा किया. मंडल, कनहर, पुनासी डैम का काम पूरा हुआ. पलामू व गढ़वा को सूखा से मुक्त करने की भी योजना तैयार कर ली गयी है. सोन नदी से गढ़वा तक पानी पहुंचाया जायेगा.
थर्ड व फोर्थ ग्रेड की नौकरी स्थानीय के लिए आरक्षित : राज्य में स्थानीय नीति को परिभाषित किया गया. नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी. सभी विभागों में नियुक्ति हुई. राज्य में दस वर्ष के लिए थर्ड व फोर्थ ग्रेड की नौकरी स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित कर दी गयी है. इसका लाभ राज्य के लोगों को हो रहा है. पिछले पांच वर्षों में सरकारी विभागों में रिकार्ड नियुक्ति हुई है.
-विपक्ष का आरोप है कि भाजपा सीएनटी एक्ट में संशोधन कर आदिवासियों की जमीन छीन लेना चाहती थी?
झारखंड नामधारी पार्टियों ने आदिवासियों को जमीन छीनने का भय दिखा कर यहां का विकास नहीं होने दिया. झामुमो, कांग्रेस आदिवासियों का विकास नहीं चाहते हैं. सीएनटी में संशोधन सरकारी योजनाओं को लेकर जमीन के लिए किया जा रहा था. संशोधन में यह बात पूरी तरह से स्पष्ट भी थी. इस संशोधन से किसी भी निजी संस्था या संस्थान को लाभ नहीं होने वाला था. हां, एक बात और बता दूं कि सीएनटी में संशोधन का प्रस्ताव रघुवर दास ने किसी के दबाव में वापस नहीं लिया. सरकार की जानकारी में यह बात लायी गयी कि सरकारी योजनाओं के लिए तो संताल परगना में भी जमीन के अधिग्रहण की आवश्यकता होगी, ऐसे में केवल सीएनटी में संशोधन से बात नहीं बनेगी. अधिकारियों ने भी इस ओर ध्यान आकृष्ट नहीं कराया. इस कारण संशोधन का प्रस्ताव वापस लिया गया.
-आप पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया जाता है?
पांच साल के कार्यकाल में यह साबित हुआ है कि इस दौरान सबका साथ सबका विकास हुआ है. झारखंड नामधारी पार्टियों ने आदिवासी को अपना वोट बैंक बना कर रखा. उन्हें आदिवासियों के विकास से कोई लेना-देना नहीं था. झारखंड नामधारी पार्टियों ने कभी आदिवासियों का भला नहीं सोचा. उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया. हमारी सरकार ने जाति-भाषा के नाम पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया. अल्पसंख्यक के नाम पर राजनीति करने वाली पार्टी ने राजधानी में आठ करोड़ का हज हाउस बनाया था, इसमें भी घोटाला हुआ था. हमने उसे तोड़ कर 52 करोड़ में शानदार हज हाउस का निर्माण कराया. उर्स मेला के लिए डेढ़ करोड़ की लागत से मुसाफिर खाना का निर्माण कराया गया. हेमंत सोरेन की सरकार ने जेपीएससी और राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में सी-सैट लागू किया. हमारी सरकार से परीक्षा से सी-सैट को हटाया. जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा का प्रावधान किया गया. इसका लाभ आज झारखंड के लोगों को मिल रहा है. झारखंड व वनांचल आंदोलनकारी के लिए पेंशन योजना शुरू की. राजधानी स्थित भगवान बिरसा मुंडा जेल को शहीद स्मृति पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसमें लेजर शो के माध्यम से भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी के बारे में लोगों को बताया जायेगा.यहां झारखंड के सभी शहीदों की जीवनी के बारे में बताया जायेगा. हमारी सरकार ने गरीब आदिवासी, स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान दिया. शहीद आदर्श गांव योजना शुरू की गयी. ओलचीकी लिपि में संताली भाषा की किताब छपवायी गयी. प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई शुरू की. आज रेलवे स्टेशनों पर संताली भाषा में उद्घोषणा होती है. आदिवासी समाज को सम्मान देने का काम हमारी सरकार ने किया है. किसी भी राज्य को विकसित बनाने के लिए पांच वर्ष का समय पर्याप्त नहीं होता है. राज्य हित में समृद्ध व स्वावलंबी झारखंड बनाने के लिए राज्य की जनता भाजपा को वोट दे.
-पत्थलगड़ी पूरी तरह भाजपा सरकार के खिलाफ हो रही थी. क्या इसे आदिवासियों का विरोध नहीं समझा जाये.
पत्थलगड़ी एक परंपरा है, हम इसका सम्मान करते हैं. पर इसका जो स्वरूप दिखा वह सही नहीं था. पत्थलगड़ी की आड़ में कुछ लोग कानून को अपने हाथ में लेना चाह रहे थे और कुछ लोग संविधान विरोधी काम कर रहे थे. इसके जड़ में अफीम की खेती थी. हम किसी को भी राष्ट्र विरोधी काम नहीं करने देंगे. देश में सबको स्वेच्छा से अपना धर्म मानने का अधिकार है, पर लोभ, लालच देकर धर्म परिवर्तन गलत है. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. डरा-धमका कर जबरन धर्म परिवर्तन को स्वीकार नहीं किया जा सकता है. इस कारण सरकार ने धर्मांतरण कानून बनाया. धर्म की अाड़ में अधर्म का काम नहीं चलेगा. ऐसे काम करने वालों के खिलाफ कानून के अनुरूप कार्रवाई की जायेगी.
-इस सरकार की पांच उपलब्धियां , जिससे आप खुद संतुष्ट हों?
जन भागीदारी से काम किया. योजना बनाने से लेकर बजट तक में लोगों की राय ली, चौपाल लगाया. लगातार पांच वर्ष तक गांव गया. जनता के संपर्क में रहा. लोगों के सहयोग से योजनाएं तैयार कीं. राज्य को भयमुक्त करना सबसे बड़ी उपलब्धि है. राज्य को उग्रवाद से मुक्त किया. आज लोग बिना डर-भय के राज्य में कहीं भी आ-जा सकते हैं. 14 वर्ष में लोगों में शासन के प्रति जो निराशा बनी थी, वह दूर हुई. सरकार के प्रति लोगों का विश्वास जगा. बिचौलिया को समाप्त किया. पीडीएस की दुकान में बायोमीट्रिक्स लगाकर लगभग 1200 करोड़ रुपये बचाया. राज्य के विकास के लिए दिल्ली से मिलने वाली राशि का एक-एक पैसा जनता तक पहुंचाया. बिचौलिये का खेल समाप्त किया. इस कारण बिचौलिये के पेट में दर्द हो रहा है. मैंने पांच साल तक बेदाग सरकार दी. विपक्ष एक रुपये का आरोप नहीं लगा सकता. कांग्रेस ने झारखंड को चरागाह बनाया. झामुमो के 18, कांग्रेस के 09 और राजद के सात विधायक थे, इसके बावजूद एक निर्दलीय को मुख्यमंत्री बनाया गया. झामुमो, कांग्रेस और राजद झारखंड का भला नहीं कर सकते हैं.राज्य को मजबूत सरकार चाहिए, मजबूर सरकार नहीं. राज्य की जनता मजबूत सरकार बनाने का संकल्प ले चुकी है. हम जातिवाद, परिवारवाद, तुष्टीकरण की राजनीति नहीं करते. अब राज्य में विकासवाद चलेगा. मिली-जुली सरकार नहीं, मजबूत सरकार चलेगी.
-लोग कहते कि आप रूखा बोल देते हैं ?
मैं राजनीति में झूठ नहीं बोलता. गलती सहन नहीं हाेता. मैं किसी काम में बिचौलिया को नहीं देख सकता. कठोर निर्णय कुछ लोगों को कठोर लग सकता है, पर वह राज्य हित में होता है. ऐसे निर्णय लेने पड़ते हैं. जनता को स्पष्ट बोले, सही बात कर राजनीति करें. इससे बिचौलियों को परेशानी होती है, इस कारण वे दुष्प्रचार करते हैं. ऐसी बात नहीं है, मैंने जनता के साथ काफी मिल-जुल कर काम किया है. हमारी योजनाएं इसका उदाहरण हैं. जनता का काफी सहयोग मिला है. झारखंड आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की देन है. झामुमो चाहता तो वर्ष 1993 में ही झारखंड बन गया होता. उस समय झामुमो के लोगों ने राज्य के बदले पैसा ले लिया. झामुमो, कांग्रेस और राजद झारखंड विरोधी हैं. जिस प्रकार मिलावटी सामान शरीर के लिए हानिकारक होता है, उसी प्रकार मिलावटी सरकार राज्य के लिए हानिकारक है.
-आपके मंत्री आपके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं ? आरोप यह है कि आजसू भी आपके कारण अलग होकर चुनाव मैदान में है.
राजनीति में कोई किसी के खिलाफ चुनाव लड़ सकता है. कोई किसी की झूठी आलोचना कर पब्लिसिटी लेना चाहता हो तो ले. प्रेस-पब्लिसिटी बहुत दिनों तक नहीं चलती है. रघुवर दास न तो किसी को धमकी देता है न ही किसी की धमकी सुनता है. पांच वर्ष तक बिचौलियों की नहीं चली. विपक्ष के नेता को चुनौती देते हैं कि जमशेदपुर छोड़ कर अगर राज्य में कहीं भी मेरी एक इंच जमीन हो तो कोई बताये. विपक्ष के लोग अपने बारे में भी बतायें. हम साफ-सुथरी राजनीति करते हैं. सत्य की जीत होती है. जब वर्ष 1995 में मैं पहला चुनाव लड़ रहा था तो मीडिया वाले मुझे रेस में भी नहीं बता रहे थे. लोग कहते थे कि आपका नाम तो अखबार में छप ही नहीं रहा है. राजनीतिक पंडित मुझे क्षेत्र का राजनीतिक समीकरण समझा कर कहते थे कि आपको वोट कहां से मिलेगा. पर मुझे यह विश्वास था कि लोग भाजपा को वोट देंगे. दीनानाथ पांडेय जैसे कद्दावर नेता को पराजित कर मैं विधायक बना. जहां तक आजसू का अलग होकर लड़ने का सवाल है, तो यह उनका फैसला है. वे ज्यादा सीट मांग रहे थे. हमारे पास उनकी मांग पूरी करने की कोई गुंजाइश नहीं थी. फिर लोकतंत्र में सबको चुनाव लड़ने की आजादी है. अब देखिए न, मेरे खिलाफ दिल्ली से आकर एक व्यक्ति चुनाव लड़ रहा है. तो यह कोई खास बात नहीं है. मीडिया वाले इसे खास बना दे रहे हैं. अब तो चुनाव सामने है, सात दिसंबर को मालूम चल जायेगा कि कौन कितने पानी में है.
-विपक्ष का आरोप है कि आप जिद्दी और घमंडी हैं ?
न मैं जिद्दी हूं और न ही घमंडी. मैं जुनूनी हूं. जिद्द नहीं संकल्प लेता हूं. राज्य से गरीबी दूर करने का संकल्प लिया हूं. समृद्ध राज्य के गोद से गरीबी मिटाने का संकल्प लिया हूं. इसके लिए अगर कोई मुझे जिद्दी कहे तो मैं क्या कर सकता हूं. मैं हर काम पूरे मनोयोग से करता हूं. मैं राजनीति में सेवा करने के लिए आया हूं, पब्लिसिटी के लिए नहीं. जनता उसी को याद करती है, जो समाज के लिए कुछ करता है. मैं अपने को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे राज्य की जनता का सेवा करने का मौका मिला. राज्य की 3.25 करोड़ जनता मेरे लिए राम है और मैं उनका हनुमान हूं. कोई ऐसा दिन नहीं होता, जब 17 से 18 घंटे काम नहीं करता. मैंने अपने जीवन में टाटा स्टील में मजदूरी की है. बिजली दुकान चलायी, पटाखे बेचे, कोयला का टाल चलाया. शुरू से ही सामाजिक काम करने का जुनून था. जमशेदपुर में घर के पास युवकों का एक क्लब किशोर संघ था. वहां गरीब बच्चों के लिए बुक बैंक बनाया. घर के नुक्कड़ पर शीतला भवन बनाया. आज जो भी हूं, वह अपने माता-पिता, जमशेदपुर की जनता व राज्य की जनता की आशीर्वाद से हूं. मैंने जीवन में गरीबी देखी है, इसलिए गरीब का दर्द समझता हूं.