झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 : इन विधायकों का भी कटा टिकट लेकिन नहीं टूटा सब्र, नहीं हुए बागी

मनोज लाल रांची : विधानसभा चुनाव में टिकट कटने पर बागी होने और पार्टी छोड़ कर दूसरे पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की बात यहां सामान्य रूप में देखने को मिल रहा है. इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव में बागियों के चुनाव लड़ने के कई उदाहरण देखने को मिल रहे हैं. पार्टी छोड़ कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 28, 2019 6:51 AM
मनोज लाल
रांची : विधानसभा चुनाव में टिकट कटने पर बागी होने और पार्टी छोड़ कर दूसरे पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की बात यहां सामान्य रूप में देखने को मिल रहा है.
इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव में बागियों के चुनाव लड़ने के कई उदाहरण देखने को मिल रहे हैं. पार्टी छोड़ कर दूसरे दलों से चुनावी मैदान में खड़ा होने का सिलसिला अभी जारी भी है. इस कड़ी में ऐसे भी कई उदाहरण देखने को मिले हैं, जिनमें विधायकों का टिकट काट दिया गया. ऐसे छह विधायकों के टिकट काटे गये हैं. टिकट कटने के बाद भी इन विधायकों के स्वर पार्टी विरोधी नहीं हुए. बागी होकर दूसरे दलों में जाने या दूसरी पार्टियों से चुनाव लड़ने के बजाय अपनी ही पार्टी में शांत होकर बैठे हैं. मांडर विधायक गंगोत्री कुजूर की टिकट काट कर वहां से भाजपा ने देव कुमार धान को टिकट दिया. गंगोत्री कुजूर तो देव कुमार धान के नामांकन भी साथ रहीं.
केवल भाजपा ही नहीं दूसरी पार्टियों के साथ भी ऐसा ही हुआ. पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव को कांग्रेस ने इस बार टिकट नहीं दिया. वह सिसई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ती रही हैं. इस बार गठबंधन के तहत यह सीट झामुमो को दे दिया गया है, पर श्रीमती उरांव के बागी स्वर नहीं दिखे. राजद से भाजपा में शामिल हुए गिरिनाथ सिंह को टिकट देने की चर्चा तेजी से हो रही थी, पर उन्हें टिकट नहीं दिया गया. उनकी ओर से भी विरोध के स्वर नहीं आये.
गंगोत्री, विमला, जीतू, गणेश गंझू, जेपी भोगता, हरि कृष्ण सिंह नहीं हुए इधर-उधर
इन विधायकों ने विरोध के बजाय पार्टी में रहना बेहतर समझा
विमला प्रधान वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा की टिकट से सिमडेगा विधायक बनी थीं. इस बार उनकी टिकट काट दी गयी है. उनकी जगह सिमडेगा से सदानंद बेसरा को टिकट दिया गया है.
गुमला के विधायक शिव शंकर उरांव का टिकट काट कर उनकी जगह मिसिर कुजूर, कांके विधायक जीतू चरण राम की जगह समरी लाल, सिमरिया विधायक गणेश गंझू की जगह किशुन कुमार दास, चतरा विधायक जेपी सिंह भोगता की जगह जनार्दन पासवान, मनिका विधायक हरि कृष्ण सिंह की जगह रघुपाल सिंह को टिकट दिया है. सीटिंग विधायकों के टिकट काटे गये, लेकिन इनसे विरोध के स्वर सामने नहीं आये हैं. इनके साथ ही लोकसभा चुनाव में रवींद्र राय को टिकट नहीं मिला था.

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