रांची : जमशेदपुर के स्क्रैप व्यापारियों के ठिकानों से 1.75 करोड़ रुपये नकद और तीन करोड़ रुपये के जेवरात मिले हैं. छापामारी में मिले चार लॉकरों और कुछ अघोषित खातों के संचालन पर रोक लगा दी गयी है.
आयकर विभाग की अनुसंधान शाखा द्व्रारा 28 नवंबर को शुरू की गयी छापेमारी शनिवार तक जारी रहने की संभावना है. छापेमारी के दौरान इंदर अग्रवाल और ज्ञानचंद जायसवाल के ठिकानों से कुल 1.75 करोड़ रुपये नकद मिले हैं. आयकर विभाग ने इसे जब्त कर लिया है.
हालांकि छापेमारी में मिले तीन करोड़ रुपये के जेवरात की जांच के दौरान करीब दो करोड़ के जेवरात की घोषणा वेल्थ टैक्स में कर चुके जाने का बात सामने आयी है. छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपये का कच्चा व्यापार किये जाने से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं. आयकर अधिकारियों का दल फिलहाल इसकी जांच कर रहा है.
उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग की अनुसंधान शाखा ने जमशेदपुर के स्क्रैप व्यापारी इंदर अग्रवाल और ज्ञानचंद जायसवाल के ठिकानों पर 28 नवंबर को 16 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी. इन व्यापारियों द्वारा अपनी वास्तविक व्यापारिक गतिविधियों को छिपा पर टैक्स की चोरी करने की सूचना के आलोक में यह कार्रवाई शुरू की गयी थी.
इंदर अग्रवाल के छह और ज्ञानचंद के जमशेदपुर और कोलकाता स्थित 10 ठिकानों पर छापेमारी जारी है. आयकर विभाग ने इंदर अग्रवाल की कंपनी सुदीसा इंटरप्राइजेज, सुदीसा फाउंड्री और सुदीसा ट्रेडर्स और ज्ञानचंद जायसवाल की मां शारदा इंडेवर प्राइवेट लिमिटेड और मेकर्स कास्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को भी छापेमारी के दायरे में शामिल किया है.
इंदर की कंपनियों में संतोष अग्रवाल, धीरज अग्रवाल, शारदा अग्रवाल और विजय कुमार सिंह निदेशक हैं. जबकि ज्ञानचंद की कंपनियों में उनके अलावा राजचंद जायसवाल निदेशक हैं. बताया जाता है कि इन दोनों व्यापारियों द्वारा सालाना करोड़ों रुपये के स्क्रैप का व्यापार किया जाता है.