रांची :विकास के लिए मिलनेवाला अनुदान खर्च नहीं कर पा रहे सरकारी स्कूल

राज्य परियोजना कार्यालय ने सभी जिलों को भेजा पत्र रांची : राज्य के सरकारी स्कूलों को विद्यालय विकास के मद में मिलनेवाली राशि खर्च नहीं हो पा रही है. राज्य के अधिकतर विद्यालय राशि खर्च नहीं कर पा रहे हैं. राज्य परियोजना निदेशक ने इसे गंभीरता से लिया है. राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा जिलों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2019 6:15 AM
राज्य परियोजना कार्यालय ने सभी जिलों को भेजा पत्र
रांची : राज्य के सरकारी स्कूलों को विद्यालय विकास के मद में मिलनेवाली राशि खर्च नहीं हो पा रही है. राज्य के अधिकतर विद्यालय राशि खर्च नहीं कर पा रहे हैं. राज्य परियोजना निदेशक ने इसे गंभीरता से लिया है.
राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि विद्यालयों को प्रत्येक वर्ष बड़ी मात्र में विद्यालय विकास के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाता है. जिससे विद्यालयों की मरम्मत, रंग -राेगन, शौचालय का रखरखाव, साफ-सफाई, पेयजल की व्यवस्था व अन्य कार्य किया जाना है. लेकिन ऐसा देखा जा रहा है कि विद्यालय के द्वारा उक्त राशि को खर्च नहीं किया जा रहा है. परियोजना निदेशक ने गुरु गोष्ठी में इसकी समीक्षा करने का निर्देश दिया है.
कहा है कि यदि संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक राशि खर्च करने में असमर्थ रहते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाये. ऐसे विद्यालयों को चिह्नित करने को कहा गया है.
अनुदान राशि के खर्च की निगरानी ई विद्यावाहिनी द्वारा कराने को कहा गया है. इसे बीआरपी-सीआरपी द्वारा विद्यालयों के निरीक्षण को लेकर तैयार किये गये मॉड्यूल में शामिल करने को कहा गया है. सभी जिलों को विद्यालय विकास अनुदान मद में दी गयी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त करने और इसे राज्य कार्यालय को भेजने को कहा गया है.
एक लाख रुपये तक मिलता है अनुदान
विद्यालयों को अब छात्र संख्या के अाधार पर अनुदान दिया जाता है. एक विद्यालय को अधिकतम एक लाख रुपये तक अनुदान दिया जाता है. ऐसे विद्यालय जहां विद्यार्थियों की संख्या एक हजार से अधिक हैं, उन्हें एक लाख रुपये दिये जाते हैं. 500 से अधिक विद्यार्थी वाले स्कूल को 75 हजार और 250 से 500 तक वाले को 50 हजार रुपये अनुदान दिया जाता है. स्कूलों को कम से कम 25 हजार रुपये अनुदान दिया जाता है. अनुदान राशि का 10 फीसदी हिस्सा विद्यालय के स्वच्छता पर खर्च करना अनिवार्य किया गया है.

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