रांची : मुरी में बंद पड़ा हिंडाल्को प्लांट जल्द होगा शुरू

रांची : झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने हिंडाल्को को मुरी स्थित कारखाना दोबारा चालू करने के लिए कंसेंट टू अॉपरेट (सीटीओ) दे दिया है. सोमवार से कारखाना चालू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. जैसे ही इसकी सूचना कंपनी के मजदूरों तक पहुंची, उनके चेहरे खिल उठे हैं. कई ठेका मजदूरों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2019 7:13 AM
रांची : झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने हिंडाल्को को मुरी स्थित कारखाना दोबारा चालू करने के लिए कंसेंट टू अॉपरेट (सीटीओ) दे दिया है. सोमवार से कारखाना चालू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. जैसे ही इसकी सूचना कंपनी के मजदूरों तक पहुंची, उनके चेहरे खिल उठे हैं. कई ठेका मजदूरों को फिर से काम पर बुला लिया गया है.
गौरतलब है कि हिंडाल्को में नौ अप्रैल 2019 को हुए रेडमड पौंड हादसे के बाद से कारखाने को बंद कर दिया गया था. इसके बाद से ही उत्पादन बंद था.
प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने सीटीओ रद्द कर दिया था. पौंड से मड हटाने के बाद चहारदीवारी निर्माण की प्रक्रिया पूरी की गयी. इसके बाद सीटीओ मिला है. कारखाना चालू करने की शुरुआती प्रक्रिया में फिलहाल कारखाने के विभिन्न सेक्शन की मशीनों को क्रमशः चालू किया जा रहा है. तकनीकी तौर पर उनकी जांच की जा रही है. पूरी तरह दुरुस्त पाये जाने पर उत्पादन शुरू कर दिया जायेगा.
प्लांट चालू करने की प्रक्रिया चल रही है : हिंडाल्को प्लांट के यूनिट हेड एमएन राय ने बताया कि मुरी एलुमिना प्लांट के लिए झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से ऑपरेशन शुरू करने की सहमति मिल गयी है और प्लांट को दोबारा शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है. पिछले कुछ महीनों में प्लांट की टीम ने आसपास की स्थितियों को पुन: बहाल किया और पर्यावरण पर कोई प्रभाव न पड़े, यह सुनिश्चित किया. हाइड्रो सीडिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर पौंड के टूटे हुए हिस्सों में ग्रीन कवर विकसित किया गया है. नदी और जल को बचाने के उपाय किये गये
बॉक्साइट के अवशेष का इस्तेमाल सीमेंट फैक्ट्री में हो रहा है. 1.8 लाख मीट्रिक टन अवशेष को भेजा जा चुका है. बॉक्साइट अवशेष के स्टोरेज को बेहतरीन तकनीक से रखने के लिए कंपनी सीएमपीडीआइ, आइआइटी मुंबई, सीबीआरअाइ रुड़की और आइएसएम धनबाद के विशेषज्ञों की सहायता ले रही है. यह यूनिट 86 गांव के एक लाख 16 हजार 153 लोगों के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना और सामाजिक कार्यों को पहुंचा रही है.

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