रांची : स्टेशन परिसर में अब भी फैली है गंदगी, नहीं बदला गया नल

चेयरमैन के निर्देश के बाद भी व्यवस्था में नहीं हुआ सुधार रांची : रांची रेलवे स्टेशन व स्टेशन के बाहर अव्यवस्था का बोलबाला है. स्टेशन परिसर में गंदगी का अंबार लगा है. प्लेटफॉर्म पर पेयजल का नल खराब है. इससे रोजाना यात्रियों को दो-चार होना पड़ता है. ज्ञात हो कि आठ नवंबर को रेलवे बोर्ड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2019 9:32 AM
चेयरमैन के निर्देश के बाद भी व्यवस्था में नहीं हुआ सुधार
रांची : रांची रेलवे स्टेशन व स्टेशन के बाहर अव्यवस्था का बोलबाला है. स्टेशन परिसर में गंदगी का अंबार लगा है. प्लेटफॉर्म पर पेयजल का नल खराब है. इससे रोजाना यात्रियों को दो-चार होना पड़ता है. ज्ञात हो कि आठ नवंबर को रेलवे बोर्ड पैसेंजर सर्विसेज कमेटी (आरबीपीएससी) के चेयरमैन रमेश चंद्र रतन ने रांची स्टेशन का निरीक्षण किया था.
निरीक्षण के क्रम में उन्होंने स्टेशन व स्टेशन के बाहर अव्यवस्था देख कर अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर व्यवस्था को दुरुस्त करने का निर्देश दिया था, लेकिन लगभग 25 दिन गुजर जाने के बाद भी स्थिति वैसी ही बनी हुई है. निरीक्षण के क्रम में उन्होंने एक सप्ताह के अंदर व्यवस्था दुरुस्त कर रिपोर्ट मांगी थी.
निरीक्षण के क्रम में श्री रतन ने स्टेशन परिसर के बाहर गंदगी देख कर नाराजगी जतायी थी और पदाधिकारियों को फटकार भी लगायी थी. साथ ही संवेदक पर 50,000 का जुर्माना लगाया था, इसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरी.
प्लेटफॉर्म पर बेड रोल रखने पर संवेदक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था, लेकिन आज भी स्थिति पहले जैसी ही है. प्लेटफॉर्म संख्या दो पर पानी के नल की टोटी बदलने को कहा था, लेकिन आज तक नहीं बदला गया. वहीं स्टॉलों पर मौजूद दुकानदारों से अपना पहचानपत्र गले में लटकाने व ड्रेस कोर्ड का पालन करने की बात कही थी, जबकि कुछ दुकानदारों को छोड़ कर कोई इसका पालन नहीं कर रहा है. वहीं सफाई कर्मियों द्वारा कम मजदूरी देने की शिकायत पर संवेदक पर 50,000 जुर्माना लगाया गया था, जबकि आज भी सफाई कर्मियों को को सिर्फ छह हजार मजदूरी दी जा रही है.
वेंडर से मिले हैं रेल अधिकारी : प्रेम कटारूका : झारखंड पैसेंजर एसोसिएशन के प्रदेश सचिव प्रेम कटारूका ने कहा कि व्यवस्था में सुधार नहीं होना, चिंता की बात है. इससे यह प्रतीत होता है कि रेलवे के अधिकारी वेंडर से मिले हुए हैं. उन्होंने कई बार व्यवस्था में सुधार को लेकर वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

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