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झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 : इस बार सभी राजनीतिक दलों की नजर ओबीसी पर
रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर प्रमुख राजनीतिक दलों ने घोषणा पत्र के माध्यम से अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है. इसके माध्यम से जनता के प्रति अपनी प्राथमिकताएं भी बता दी हैं. राज्य के प्रमुख राजनीतिक दलों की प्राथमिकताओं में पिछड़ा वर्ग का मुद्दा शामिल है. राज्य के प्रमुख राजनीतिक दल ओबीसी आरक्षण […]
रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर प्रमुख राजनीतिक दलों ने घोषणा पत्र के माध्यम से अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है. इसके माध्यम से जनता के प्रति अपनी प्राथमिकताएं भी बता दी हैं. राज्य के प्रमुख राजनीतिक दलों की प्राथमिकताओं में पिछड़ा वर्ग का मुद्दा शामिल है. राज्य के प्रमुख राजनीतिक दल ओबीसी आरक्षण का दायरा बढ़ाने को लेकर एकमत हैं. साथ ही सत्ता में आने पर ओबीसी का आरक्षण बढ़ाने का वादा भी किया है.
भाजपा ने कहा है कि सरकार ने पिछड़े वर्ग की जनसंख्या का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया है. प्रतिवेदन मिलने के बाद छह माह के अंदर संविधान के दायरे में उन्हें सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों आरक्षण देंगे.
इसी प्रकार झामुमो ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि सरकारी नौकरी में झारखंड के पिछड़ों को 27 प्रतिशत, आदिवासियों को 28 प्रतिशत और दलित को 12 प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा. झाविमो ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही है. इसके अलावा कांग्रेस, आजसू व राजद भी ओबीसी आरक्षण की सीमा बढ़ा कर 27 प्रतिशत करने की घोषणा की है. झारखंड में फिलहाल पिछड़ों को 14 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है. एकीकृत बिहार में पिछड़ों का आरक्षण 27 प्रतिशत था.
कई अन्य वादे भी किये हैं दलों ने : इसके अलावा भाजपा ने पिछड़ों के लिए और भी वायदे अपने घोषणा पत्र में किये हैं. कहा गया है कि ओबीसी बच्चों की छात्रवृत्ति की राशि का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए सभी स्कूलों और महाविद्यालयों को ई-कल्याण पोर्टल से रजिस्टर करने की बात कही गयी है.
साथ ही ओबीसी विद्यार्थियों को झारखंड राज्य पोस्ट मैट्रिक और मैट्रिक छात्रवृत्ति के तहत प्रति वर्ष दी जानेवाली छात्रवृत्ति की राशि में वृद्धि करने, स्व रोजगार के इच्छुक ओबीसी युवाओं के लिए पांच लाख रुपये तक का रियायती दर पर ऋण प्रदान करने की बात कही गयी है.
झारखंड शिक्षा ऋण गारंटी योजना के तहत ओबीसी समुदायों के विद्यार्थियों को भी वित्तीय सहायता प्रदान करने, प्रदेश के हर जिले में स्थापित कौशल प्रशिक्षण और विकास केंद्रों में ओबीसी विद्यार्थियों को भी अनुदानित प्रशिक्षण प्रदान करने की बात कही गयी है. इसके अलावा राजनीतिक दलों ने शिक्षा, रोजगार, कृषि, किसान, स्वास्थ्य, गरीबों के अधिकार, जल, जंगल जमीन, आदिवासी, दलित कल्याण महिलाओं के अधिकार समेत अन्य विषयों पर अपनी-अपनी प्राथमिकताएं बतायी हैं.
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