VIDEO : तमाड़ में कौन मारेगा मैदान? विकास मुंडा, रीता, राम दुर्लभ सिंह मुंडा, राजा पीटर या कुंदन पाहन
मिथिलेश झा/अमलेश नंदन सिन्हा रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 7 दिसंबर को तमाड़ विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग है. प्रकृति की गोद में बसे तमाड़ में कई धार्मिक स्थल और पिकनिक स्पॉट हैं. इस विधानसभा के नाम एक रिकॉर्ड है. मुख्यमंत्री रहते दिशोम गुरु शिबू सोरेन को पराजित करने का रिकॉर्ड. गोपाल […]
मिथिलेश झा/अमलेश नंदन सिन्हा
रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 7 दिसंबर को तमाड़ विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग है. प्रकृति की गोद में बसे तमाड़ में कई धार्मिक स्थल और पिकनिक स्पॉट हैं. इस विधानसभा के नाम एक रिकॉर्ड है. मुख्यमंत्री रहते दिशोम गुरु शिबू सोरेन को पराजित करने का रिकॉर्ड. गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर से हारने के बाद शिबू सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा और झारखंड में राष्ट्रपति शासन लग गया.
यूं तो यहां से 16 कैंडिडेट चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन तीन प्रत्याशी ऐसे हैं, जो एक ही मामले में एक-दूसरे से जुड़े हैं. इन्हें जोड़ती है तमाड़ के लोकप्रिय विधायक और प्रदेश के पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा. दिवंगत विधायक रमेश सिंह मुंडा के पुत्र विकास सिंह मुंडा लगातार दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ दो ऐसे लोग चुनाव लड़ रहे हैं, जिनके तार कथित तौर पर रमेश सिंह मुंडा से जुड़े हैं.
पूर्व विधायक और झारखंड के मद्य निषेध मंत्री रहे गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर और क्षेत्र में आतंक का पर्याय रहे भाकपा माओवादी के पूर्व नक्सली कुंदन पाहन. राजा पीटर पर रमेश सिंह मुंडा की हत्या की सुपारी देने का आरोप है, तो कुंदन पाहन (पहान) पर विधायक की हत्या करने का. ये दोनों इस वक्त जेल में हैं और चुनाव लड़ रहे हैं.
राजा पीटर और कुंदन पाहन खुद अपना प्रचार नहीं कर रहे. उनके समर्थकों ने उनके प्रचार की कमान संभाल रखी है. दोनों की पत्नियां लोगों के बीच जा रही हैं और अपने-अपने पति को जिताने की उनसे अपील कर रही हैं. राजा पीटर की पत्नी आरती कुमारी ने तो पूरी तरह से प्रचार की कमान अपने हाथों में ले रखी है. वह सुबह 5 बजे से रात के तीन बजे तक काम करती हैं.
विकास सिंह मुंडा को भरोसा है कि उन्होंने पांच साल में विकास के जो काम किये हैं, उसके बल पर वह दोबारा विधानसभा पहुंचेंगे. वहीं, उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों का कहना है कि विकास सिंह मुंडा ने क्षेत्र में विकास का कोई काम नहीं किया. इसलिए जनता वर्तमान विधायक को हराकर उनके (विरोधी दल के) उम्मीदवार को विधानसभा भेजेगी.
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राजा पीटर की पत्नी आरती कुमारी की मानें, तो उनके पति की जीत पक्की है. क्षेत्र के लोगों के बीच उनकी छवि किसी मसीहा से कम की नहीं है. हर किसी के सुख-दुख में वह शामिल होते थे. गांवों के लोग उन्हें काफी मिस करते हैं. उच्चस्तरीय राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें जेल में रखा गया है, ताकि वह 2019 का विधानसभा चुनाव न लड़ सकें.
दूसरी तरफ, कुंदन पाहन के चुनाव अभियान की कमान संभाल रहे अजय चौधरी कहते हैं कि कुंदन ने कोई गुनाह नहीं किया. जंगल में रहकर क्षेत्र के लोगों के भले का काम करते थे. गरीबों को शोषण से बचाते थे. विधायक बनकर उनकी जिंदगी में बहार लायेंगे. 99 फीसदी युवा कुंदन पाहन के पक्ष में हैं. 1600 युवा स्वेच्छा से गांव-गांव में घूमकर कुंदन का प्रचार कर रहे हैं.
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ज्ञात हो कि रमेश सिंह मुंडा की विरासत संभालने वाले उनके पुत्र विकास सिंह मुंडा पांच साल तक विधायक रहे. 2014 में उन्होंने सुदेश महतो की पार्टी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे. इस बार उन्होंने पार्टी बदल ली है. विकास अबकी बार झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रह चुके राजा पीटर इस बार शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, तो बीहड़ में वर्षों बिताने वाले कुंदन पाहन एनोस एक्का की अध्यक्षता वाली झारखंड पार्टी (झापा) के टिकट पर ताल ठोक रहे हैं.