रांची/नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने झारखंड में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) कोषों के कथित गबन से संबंधित धनशोधन मामले की जांच के दौरान 1.45 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. निदेशालय ने बताया कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत खूंटी जिले के पूर्व कनिष्ठ अभियंता ‘जिला परिषद’ राम बिनोद प्रसाद सिन्हा की चल संपत्तियों की कुर्की के लिए एक अस्थायी आदेश जारी किया गया है.
कुर्क की गयी संपत्तियों में अरुणाचल प्रदेश मिनरल डेवलपमेंट एंड ट्रेडिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के विजया बैंक की इटानगर शाखा (अब बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय) में मियादी बैंक खाते शामिल हैं. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दायर 16 एफआइआर और आरोपपत्रों का संज्ञान लेने के बाद सिन्हा और अन्य के खिलाफ धनशोधन का आपराधिक मामला दर्ज किया था.
एसीबी ने आरोप लगाया था कि सिन्हा और अन्य लोगों ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग कर जालसाजी और हेराफेरी से खूंटी जिले में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) योजना के तहत सरकारी परियोजनाओं के निष्पादन के लिए रखी गयी 18 करोड़ रुपये की सरकारी धनराशि का गबन किया.