रांची : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को शुक्रवार को झारखंड हाइकोर्ट से तगड़ा झटका लगा. चारा घोटाला मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गयी. लालू प्रसाद ने अविभाजित बिहार के सबसे बड़े चारा घोटाला के दुमका कोषागार से फर्जी कागजात के आधार पर निकासी मामले में अपनी सजा को चुनौती दी थी. उन्होंने कोर्ट से जमानत देने का भी अनुरोध किया था.
झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने लालू प्रसाद की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उनकी आधी सजा इस मामले में अभी पूरी नहीं हुई है. दुमका कोषागार से निकासी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को सात साल की सजा सुनायी गयी है और इस वक्त वह रांची में अपनी सजा काट रहे हैं.
लालू प्रसाद की याचिका पर दो सप्ताह से सुनवाई नहीं हो पा रही थी. 8 नवंबर को सीबीआइ ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया था. इसमें कहा गया है कि दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद ने मात्र 22 महीने ही जेल में बिताये हैं. ऐसे में सजा की आधी अवधि पूरी नहीं हो रही है.
सीबीआइ ने यह भी दलील दी है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मामले में उनकी याचिका खारिज कर चुका है. जांच एजेंसी ने आगे कहा है कि जहां तक राजद सुप्रीमो के स्वास्थ्य की बात है, तो झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के वरीय चिकित्सक लगातार इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैैं.
एजेंसी ने कहा है कि 15 बीमारियां होने के बावजूद लालू प्रसाद यादव की जान को फिलहाल कोई खतरा नहीं है. उल्लेखीय है कि दुमका कोषागार से निकासी मामले में लालू प्रसाद को सीबीआइ की विशेष अदालत से सजा हो चुकी है. रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में गंभीर रूप से बीमार पड़े लालू प्रसाद का दिल्ली और मुंबई में इलाज होने के बाद उन्हें रिम्स भेज दिया गया था. फिलहाल वह रिम्स के पेइंग वार्ड में अपनी सजा काट कर रहे हैं. चारा घोटाला के तीन मामलों में लालू प्रसाद को सजा हो चुकी है.