झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 : प्रभात खबर ने निकाली साइकिल रैली, दिया मतदान का संदेश

जिला स्कूल से मोरहाबादी तक गयी रांची : प्रभात खबर का 20 दिनों से चल रहा मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का रविवार को मोरहाबादी मैदान में समापन हो गया. समापन कार्यक्रम से पूर्व जिला स्कूल परिसर से सुबह 6:30 बजे मतदाता जागरूकता साइकिल रैली निकाली गयी. रैली में राजधानी के 30 से अधिक संगठन व संस्थाओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2019 6:52 AM
जिला स्कूल से मोरहाबादी तक गयी
रांची : प्रभात खबर का 20 दिनों से चल रहा मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का रविवार को मोरहाबादी मैदान में समापन हो गया. समापन कार्यक्रम से पूर्व जिला स्कूल परिसर से सुबह 6:30 बजे मतदाता जागरूकता साइकिल रैली निकाली गयी.
रैली में राजधानी के 30 से अधिक संगठन व संस्थाओं ने भाग लिया. यह रैली जिला स्कूल से निकल कर कचहरी चौक, रेडियम रोड, एसएसपी आवास होते हुए मोरहाबादी स्थित गांधी प्रतिमा पहुंची. वहां एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी, डीजीपी कमल नयन चौबे शामिल हुए. उन्होंने वोट के महत्व पर प्रकाश डाला. साथ ही लोगों से 12 दिसंबर को रांची में होनेवाले विधानसभा चुनाव में बढ़-चढ़कर मतदान करने की अपील की.
स्कूली बच्चों के बैंड ने मन मोहा
मतदाता जागरूकता रैली में युवा, महिला, पुरुष व बच्चे वोट करें, राज्य गढ़े का स्लोगन लिखी तख्ती हाथ में लेकर चल रहे थे. आयोजन में सीआरपीएफ के जवानों की अहम भूमिका रही. बैंड और देशभक्ति गीतों की धुन पर लोगों को मतदान के लिए जागरूक किया गया.
संत अन्ना बालिका उच्च विद्यालय की छात्राएं आकर्षण का केंद्र रहीं, जिन्होंने बैंड के प्रदर्शन से लोगों का मन मोह लिया. एनसीसी के कैडेट व रांची विवि एनएसएस के स्वयंसेवकाें ने अनुशासन के साथ मतदान की अपील की. प्रभात खबर के वरिष्ठ संपादक (झारखंड) अनुज कुमार सिन्हा ने कार्यक्रम का मकसद बताया. वहीं, प्रभात खबर के वरीय स्थानीय संपादक संजय मिश्र ने अतिथियों का आभार जताया. कार्यक्रम का संचालन ब्रांड हेड डॉ मनजीत सिंह व खुशबू ने किया.
बताया मतदान का महत्व
ऐसे आयोजन कर प्रभात खबर अपने टैग लाइन ‘अखबार नहीं आंदोलन’ को सिद्ध करता है. वोट करने के अधिकार का महत्व वैसे देश से समझ में आता है, जहां यह नहीं है. 12 दिसंबर को घर से निकल कर वोट करें और दूसरों को भी प्रेरित करें.
– डॉ डीके तिवारी, मुख्य सचिव
भारत सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में जाना जाता है. हम खुशनसीब हैं कि हमने गुलामी नहीं देखी. आजादी व लोकतंत्र का महत्व तो वर्ष 1947 के पहले जन्म लेनेवाले लोगों को पता होगा. पढ़े-लिखे लोगों को भी वोट का महत्व समझना चाहिए.
-कमल नयन चौबे, डीजीपी

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