रांची : ऐसी व्यवस्था, तो कैसे बनेगा स्वच्छ भारत

रांची : स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर को खुले में शौच मुक्त करने के लिए रांची नगर निगम द्वारा शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर 81 मॉड्यूलर टॉयलेट का निर्माण कराया गया था. आम आदमी की सहूलियत आैर उन्हें असुविधा से मुक्ति दिलाना ही इन शौचालयों के निर्माण के पीछे निगम का मकसद था. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2019 9:38 AM
रांची : स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर को खुले में शौच मुक्त करने के लिए रांची नगर निगम द्वारा शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर 81 मॉड्यूलर टॉयलेट का निर्माण कराया गया था. आम आदमी की सहूलियत आैर उन्हें असुविधा से मुक्ति दिलाना ही इन शौचालयों के निर्माण के पीछे निगम का मकसद था. राह चलते कहीं भी या सड़क के किनारे गंदगी फैलाने (टॉयलेट करने) लोगों से रोकना और टॉयलेट के उपयोग से शहर को साफ-सुथरा रखने की जिम्मेवारी थी.
मार्च 2016 से शुरू हुआ था टॉयलेट का निर्माण
मार्च 2016 में माॅड्यूलर टॉयलेट का निर्माण शुरू हुआ, 2018 के अंत तक सभी 81 टॉयलेट का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया. एक टॉयलेट के निर्माण में 2.5 लाख रुपये की लागत आयी. यानी 81 टॉयलेट के निर्माण पर दो करोड़ दो लाख पचास हजार रुपये खर्च आये. शुरुआत के एक साल तक तो इन शौचालयों की देख-रेख बेहतर तरीके से की गयी, लेकिन उसके बाद इन्हें इनके हाल पर ही छोड़ दिया गया. आज इन शौचालयों की हालत इतनी खराब है कि गंदगी व बदबू के कारण लोगाें ने इन टॉयलेट की ओर जाना ही छोड़ दिया है. कहीं-कहीं तो स्थिति ऐसी है कि टॉयलेट का गेट खोलते ही अंदर की परिस्थिति देख उबकाई आने लगती है. नतीजतन, करोड़ों की लागत से बने ये टॉयलेट आज परेशानी का सबब बन गये हैं. शहर में जगह-जगह स्थित ये टॉयलेट निगम की खस्ताहाल व्यवस्था का सापेक्ष उदाहरण हैं.
अलबर्ट एक्का चौक के समीप
दिव्यांगों के लिए मॉड्यूलर टॉयलेट का निर्माण किया गया है. लेकिन आज तक किसी दिव्यांग ने इसका उपयोग नहीं किया है, क्योंकि निर्माण के बाद से लेकर अब तक इस शौचालय के दरवाजे पर ताला लटका है. नतीजतन, दिव्यांग हो या आम जन बगल में बने सुलभ शौचालय में ही जाते हैं.
शौचालय पूरी तरह गंदगी से भरा है
कई माह से नहीं हुई इसकी सफाई
शहीद चौक के समीप रांची नगर निगम का यह मॉड्यूलर टॉयलेट है. इसकी हालत यह है कि दरवाजा खोल कर कोई आदमी अंदर झांक नहीं सकता है. शौचालय का पैन पूरी तरह से गंदगी से भरा पड़ा है. इसकी हालत यह बताती है कि पिछले कई माह से इसकी सफाई नहीं हुई है.
नगर निगम समय-समय पर मॉड्यूलर टॉयलेटों की सफाई करवाता है. अगर शहर के किसी हिस्से में इस तरह की परेशानी है, तो उसे सोमवार को साफ करवाया जायेगा. शहर की सफाई व्यवस्था के लिए निगम प्रतिबद्ध है.
शंकर यादव, उप नगर आयुक्त
करमटोली तालाब
यहां मौजूद मॉड्यूलर टॉयलेट का की साफ-सफाई पर भी ध्यान नहीं है. इसके नजदीक पहुंचते ही बदबू अाने लगती है. इतनी ज्यादा कि इसमें प्रवेश करना असंभव ही है.
हरमू रोड गोशाला
यहां शौचालय के समीप बना शॉकपिट हमेशा ओवरफ्लो करता है. इससे शौचालय के सामने हमेशा गंदा पानी बहता रहता है. इससे राहगीरों को पैदल चलने में भी परेशानी होती है.
कांग्रेस भवन
यहां बने मॉड्यूलर टॉयलेट के सामने ही कूड़े का ढेर पड़ा रहता है. कभी-कभार तो इसके मुख्य दरवाजे के समीप इतना कूड़ा जमा हो जाता है कि टॉयलेट में प्रवेश करना भी मुश्किल हो जाता है.
इन जगहों पर बने हैं मॉड्यूलर टॉयलेट
बूटी मोड़, बरियातू रोड, रिम्स चौक के समीप, चूना भट्ठा कोकर, करमटोली चौक, राजभवन की दीवार के समीप, शहीद चौक के समीप, रातू रोड चौक, पिस्का मोड़, अरगोड़ा चौक, बिरसा चौकग सहित शहर के अन्य प्रमुख मार्गों व चौक-चौराहों पर

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