पंचम भाव की मित्रवत स्थिति लाभदायक
ऑनलाइन ज्योतिष काउंसलिंग रांची. ऑनलाइन ज्योतिष काउंसलिंग का आयोजन प्रभात खबर कार्यालय में मंगलवार को किया गया. जहां पाठकों के सवालों के जवाब देने के लिए फॉर्चुन जेम्स एंड ज्वेलरी के ज्योतिषी डॉ पीके गुप्ता उपस्थित थे. सवालों के जवाब देने के दौरान उन्होंने बताया कि विदेश में शिक्षा ग्रहण करने के लिए पंचम भाव […]
ऑनलाइन ज्योतिष काउंसलिंग रांची. ऑनलाइन ज्योतिष काउंसलिंग का आयोजन प्रभात खबर कार्यालय में मंगलवार को किया गया. जहां पाठकों के सवालों के जवाब देने के लिए फॉर्चुन जेम्स एंड ज्वेलरी के ज्योतिषी डॉ पीके गुप्ता उपस्थित थे. सवालों के जवाब देने के दौरान उन्होंने बताया कि विदेश में शिक्षा ग्रहण करने के लिए पंचम भाव की मित्रवत स्थिति में होना आवश्यक है. पंचम भाव बुद्धि व शिक्षा का भाव होता है. वहीं द्वादश भाव विदेश भाव का प्रतिनिधित्व करता है. अगर पंचम भाव या पंचमेश एवं द्वादेश मित्रवत हो, तो ऐसा जातक विदेश में शिक्षा ग्रहण करता है. इसके अतिरिक्त पंचम भाव में बैठा हुआ ग्रह एवं द्वादश भाव में बैठे ग्रह की दिशा व अंतर्दशा चल रही हो, तो उस काल में कोई भी जातक विदेश में शिक्षा प्राप्त करता है. उन्होंने बताया कि दशम भाव अर्थात कर्मेश की राशि और द्वादेश की राशि अगर मित्र है, तो ऐसा आदमी विदेश में नौकरी या व्यवसाय करता है. इसके अतिरिक्त इन भावों में बैठे हुए ग्रह या अंतर्दशा में भी कोई न कोई जातक विदेश में नौकरी या व्यवसाय करता है.