रांची : जवानों को मानसिक तौर पर सबल बनाने के लिए नहीं हो रहे हैं उपाय
रांची : मानसिक परेशानी, छुट्टी नहीं मिलने, पारिवारिक टेंशन, साथियों के भद्दे मजाक और गलतियों की सीनियर से शिकायत सहित कई ऐसी बातें अब तक सामने आयी हैं जिसके कारण केंद्रीय और राज्य बल के जवान अपने आपे से बाहर हो जाते हैं. नतीजतन कभी साथियों को गोली मारकर जान ले लेते हैं, तो अफसरों […]
रांची : मानसिक परेशानी, छुट्टी नहीं मिलने, पारिवारिक टेंशन, साथियों के भद्दे मजाक और गलतियों की सीनियर से शिकायत सहित कई ऐसी बातें अब तक सामने आयी हैं जिसके कारण केंद्रीय और राज्य बल के जवान अपने आपे से बाहर हो जाते हैं. नतीजतन कभी साथियों को गोली मारकर जान ले लेते हैं, तो अफसरों को भी गोली मारने से परहेज नहीं करते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने, जवानों को मानसिक तौर पर मजबूत करने और उनकी समस्याओं का निदान करने को लेकर क्या कदम उठाये जा रहे हैं.
चार साथियों की ले ली थी जान, एक हुआ था घायल
25 दिसंबर 2012 को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ 111 बटालियन के जवान दीप कुमार ने सोते हुए चार साथियों पर सर्विस रिवाल्वर से गोली चला दी थी. इसमें चारों की मौत हो गयी थी. जबकि एक घायल हो गया था. पूछताछ में उसने बताया था कि दो दिन से उसकी तबीयत ठीक नहीं थी. रात में जब सारे जवान सो रहे थे तब उसकी मानसिक हालत बिगड़ी और उसने गोली चला दी.
भद्दे मजाक पर चार को मार दी थी गोली
13 जनवरी 2017 को औरंगाबाद में यूपी के रहने वाले सीआइएसएफ जवान बलवीर ने इंसास राइफल से 32 गोलियां चलाकर चार साथियों को मार डाला था. घटना के बाद सामने आया था कि वह चार दिनों से सोया नहीं था. भाई की मौत के बाद वह तनाव में था. बलवीर ने कहा था कि साथियों के भद्दे मजाक से उसे गुस्सा आ गया था. मरनेवालों में गढ़वा के गौरीशंकर राम शामिल थे.
छुट्टी न मिलने पर सात साथियों को मारी गोली
चार दिसंबर 2019 को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में ड्यूटी कर रहे आइटीबीपी के 45वीं बटालियन के शिविर में जवान मसुदुल रहमान ने छुट्टी न मिलने पर गुस्से में आकर अपने ही सात साथियों पर गोली चला दी और बाद में खुद भी आत्महत्या कर ली थी. गोली लगने से पांच साथियों की मौत हो गयी थी, जबकि दो को गंभीर स्थिति में इलाज के लिए रायपुर भेजा गया था.
बीएसएफ जवान ने ड्यूटी के विवाद में दो साथियों को मार दी थी गोली
पांच फरवरी 2019 को भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित जयपुर के बाड़मेर जिले में बीएसएफ के एक जवान विमल कुमार ने दो साथियों को ड्यूटी के विवाद में गोली मार दी थी. हालांकि दोनों जवान बच गये थे. घटना का कारण मानसिक तनाव बताया जा रहा था.
डयूटी के दौरान सर्विस रिवाल्वर से सीने में मार ली थी गोली
11 सितंबर 2017 को राजमहल कोल परियोजना के एनटीपीसी फरक्का कोयला वाहक ट्रेन में डयूटी के दौरान सीआइएसएफ के जवान सतीश आर ने रात करीब 11:30 बजे अपने सर्विस रिवाल्वर से सीने में गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी. उनका पैतृक गांव तमिलनाडु के वेल्लौर जिले के सिंगरोल में था.