किशोर की चाय की प्याली (चित्रपट)

अनुराग बसु की इच्छा थी कि वह किशोर कुमार पर बायोपिक फिल्म बनायें. इस फिल्म में मुख्य किरदार रणबीर कपूर निभानेवाले थे. लेकिन किशोर कुमार के परिवार वालों ने इस बात से नामंजूरी जतायी और फिलवक्त अनुराग को अपने इस सपने पर विराम लगाना पड़ा. लेकिन अगर वाकई किशोर कुमार पर फिल्म बने तो वह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2014 6:00 PM

अनुराग बसु की इच्छा थी कि वह किशोर कुमार पर बायोपिक फिल्म बनायें. इस फिल्म में मुख्य किरदार रणबीर कपूर निभानेवाले थे. लेकिन किशोर कुमार के परिवार वालों ने इस बात से नामंजूरी जतायी और फिलवक्त अनुराग को अपने इस सपने पर विराम लगाना पड़ा. लेकिन अगर वाकई किशोर कुमार पर फिल्म बने तो वह बेहद दिलचस्प होगी. चूंकि किशोर खुद अपनी जिंदगी में बेहद रोचक रहे हैं. वे केवल परदे पर नहीं, बल्कि परदे के बाहर भी लोगों का मनोरंजन करते थे. या यूं कहें वह खुद का मनोरंजन करते थे. प्रीतिश नंदी को दिये एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया है कि किस तरह उन्होंने इंटीरियर डेकोरेटर को जब अपने लिविंग रूम को नेचुरल लुक देते हुए घर के अंदर फाउंटेन, पेड़-पौधे, पंखे पर कौए, लिविंग रूम में नाव तैराने की बात कही तो उनका आर्किटेक्ट वहां से भाग खड़ा हुआ. किशोर कुमार खाली समय में अपने घर के पेड़-पौधों से बातें करते थे और लोग इस बात पर भी उनका मजाक बनाते थे. किशोर कुमार अपनी फीस को लेकर सख्त थे. वे अपने सेके्रटरी से कोड वर्ड में बात करते थे. वे इशारों में पूछते चाय पी ली क्या. इसका मतलब था कि फीस मिली क्या. जब तक उनके सेक्रेटरी हरी झंडी नहीं दिखाते, वे बेसुरे ही बने रहते. जब सेक्रेटरी कहते कि हां, सर कड़क चाय मिली है, बस वे अपनी आवाज में सुरीलापन ले आते. दरअसल, किशोर कुमार चूंकि वास्तविक जिंदगी में भी इतने नटखट थे और उन्हें खुद पर इस कदर आत्मविश्वास था कि उन्हें किसी बात से डर नहीं लगता. अगर उन्हें आधी फीस मिलती तो वह आधा मूंछ मुड़वा कर चले आते और निर्देशक से कहते, मेरे आधे चेहरे की शूटिंग कर लो. यह किशोर कुमार की ही खूबी थी कि उन्होंने निर्देशकों का नाम लेते हुए कहा है कि कई निर्देशकों को कैमरा थामने भी नहीं आता था.किशोर कुमार किसी को भी कर्ज देते तो ताउम्र उन्हें यह बात याद दिलाते रहते थे.

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